opposition candidate Sudarshan Reddy: विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी ने (Vice Presidential election in India) शनिवार को राज्यसभा और लोकसभा के सभी सदस्यों से पार्टी लाइन से परे योग्यता के आधार पर अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन मांगा और कहा कि अगर भाजपा के शीर्ष नेता राजी हों तो वह उनसे भी मिलने को तैयार हैं। रेड्डी ने इस बात पर जोर दिया कि वह चाहते हैं कि यह चुनाव हाल के वर्षों में भारत में हुए सबसे शालीन और निष्पक्ष चुनावों में से एक हो।
एसआईआर पर सवाल : उन्होंने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर भी सवाल उठाया और तर्क दिया कि बहुमत होने से किसी को अपनी मनमर्जी करने का अधिकार नहीं मिल जाता। उन्होंने कहा कि मैंने राज्यसभा और लोकसभा के सभी सदस्यों को योग्यता के आधार पर मेरी उम्मीदवारी पर विचार करने के लिए पत्र भेजे हैं और अगर भाजपा के शीर्ष नेता अनुमति देते हैं तो मैं उनसे मिलकर समर्थन मांगने को तैयार हूं।
केन्द्र सरकार पर निशाना साधा : रेड्डी ने केंद्र पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रताड़ित किया गया और उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई गई। उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितम्बर को होने वाले चुनाव में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार रेड्डी के बीच मुकाबले के लिए मंच तैयार है। इस मुकाबले को दक्षिण बनाम दक्षिण की लड़ाई कहा जा रहा है, क्योंकि दोनों ही उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं। राधाकृष्णन जहां भाजपा की तमिलनाडु इकाई के वरिष्ठ नेता हैं, वहीं तेलंगाना निवासी रेड्डी उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हैं।
कौन हैं सुदर्शन रेड्डी : उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को न्यायिक क्षेत्र में करीब 30 साल काम का अनुभव है। हालांकि राजनीति से उनका कोई लेना-देना नहीं है। जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी का जन्म आंध्र प्रदेश (वर्तमान तेलंगाना) के रंगा रेड्डी जिले में अकुला मायलारम गांव में 8 जुलाई 1946 को हुआ था। 1971 में उन्होंने हैदराबाद में आंध्र प्रदेश बार काउंसिल के साथ एक वकील के रूप में अपना पंजीकरण कराया। 1995 में उन्हें आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।
रेड्डी 2005 में गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। 2007 में उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। रेड्डी 8 जुलाई 2011 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पद से सेवानिवृत्त हुए। 2013 में वे गोवा के पहले लोकायुक्त बने। हालांकि उन्होंने उसी साल अक्टूबर में निजी कारणों से इस पद से इस्तीफा दे दिया। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala