भारत में क्यों जरूरी है CAA? मोदी के मंत्री ने अफगानिस्तान के हालातों का दिया हवाला

Webdunia
सोमवार, 23 अगस्त 2021 (08:52 IST)
नई दिल्ली। अफगानिस्‍तान से लोगों को सुरक्षित निकालने का मिशन जारी है। तालिबान के कब्‍जे के बाद स्थानीय नागरिक खौफ में हैं। अफगानिस्तान में हिन्दू और सिख सहित अल्‍पसंख्‍यक समुदायों के लिए खतरा बढ़ गया है। इस बीच केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अफगानिस्‍तान संकट से जुड़ी एक खबर शेयर करते हुए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की वकालत की। इस खबर का जिक्र कर उन्‍होंने कहा कि पड़ोसी देश में जैसी स्थितियां बन गई हैं, वे दर्शाती हैं कि क्‍यों देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) जरूरी है।

ALSO READ: तालिबान को मान्यता दे या नहीं भारत? सामने खड़ी हैं बड़ी चुनौतियां
 
क्या है सीएए : नागरिकता संशोधन कानून में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए (हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिश्चियन) धर्मों के प्रवासियों के लिए भारत की नागरिकता देने का प्रस्ताव है। मौजूदा कानून के मुताबिक किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम पिछले 11 साल से यहां रहना अनिवार्य है, लेकिन CAA से इस नियम को आसान बनाकर नागरिकता हासिल करने की अवधि को 1 साल से लेकर 6 साल किया गया है।



आसान शब्दों में कहा जाए तो भारत के 3 मुस्लिम बहुसंख्यक पड़ोसी देशों से आए गैर मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने के नियम को आसान बनाया गया है। CAA एक्ट को 2019 को संसद में पास किया जा चुका है, लेकिन दिसंबर 2019 के बाद से इसे अब तक लागू नहीं किया गया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख