बिजली की कटौती, कोयले का संकट और इस पर भीषण गर्मी। कई राज्यों में हीट वेव चल रही है। अब तो यह आलम है कि सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से लू और गर्मी से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।
ऐसे में जानना जरूरी है कि आखिर इस साल क्यों गर्मी अपने उफान पर है।
... तो हीटवेव मौसम चक्र का हिस्सा हो जाएगा
दरअसल, अपने तय वक्त से पहले शुरू हुई भीषण गर्मी की वजह ये है कि इन दोनों महीनों में होने वाली थोड़ी-बहुत बारिश होने या बिजली गिरने और ओले गिरने की घटनाएं नहीं हुईं।
दूसरा, देश के पश्चिमी हिस्से से चलने वाले हवाएं जब दक्षिणी और मध्य भारत की हवाओं से टकरातीं हैं तो मौसम ख़राब होता है यानी बारिश और तूफ़ान आते हैं। इस बार ये भी बहुत कम हुआ है।
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि मार्च और अप्रैल में तेज़ गर्म हवाएं चलना असामान्य हैं और अगर कार्बन उत्सर्जन को वातावरण से घटाया नहीं गया तो जलवायु परिवर्तन के कारण ये हीटवेव मौसम चक्र का सामान्य हिस्सा बन सकती हैं।
आखिर क्यों बढ़ी गर्मी?
पिछले सालों की तुलना में इस साल गर्मी कुछ ज्यादा ही तेवर दिखा रही है। हालांकि इसके पीछे कारण हैं।
पहला कारण तो यह है कि इस बार गर्मी बहुत जल्दी शुरू हो गई। ऐसा इसलिए क्योंकि सामान्य तौर पर मार्च के अंत में बनने वाला एंटी-साइक्लोन इस बार 1 महीने जल्दी बना। इससे थार रेगिस्तान और पाकिस्तान से गर्म हवाएं आनी शुरू हो गई हैं। इसकी वजह से जम्मू, राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में तापमान सामान्य से ज्यादा है।
इसके साथ ही पिछले कुछ सालों के मुकाबले इस साल हीट वेव का एक साइकिल ज्यादा लंबे समय तक चल रहा है, जिसकी वजह से तापमान बढ़ता जा रहा है। पिछले डेढ़ महीने में ही भारत में हीट वेव के 4 साइकिल देखे जा चुके हैं।
वहीं आमतौर पर सर्दी खत्म होने के बाद कई क्षेत्रों में बारिश होती है, जिससे तापमान बैलेंस हो जाता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। देश के अधिकांश हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ने के बाद भी बिल्कुल बारिश नहीं हुई। इस वजह से लू और गर्म हवा का सिलसिला लगातार जारी है।
मौसम विभाग के आकड़ों के मुताबिक
· दिल्ली में 29 अप्रैल को तापमान 43.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
· गुरुग्राम में 28 अप्रैल को पारा 45.6 डिग्री दर्ज किया गया।
· मध्यप्रदेश के खजुराहो और नौगांव में पारा 45.6 डिग्री तक पहुंच चुका है।
· UP के प्रयागराज में 45.9 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।
· महाराष्ट्र में अकोला 45.4 डिग्री और ब्रम्हपुरी 45.32 डिग्री पारा दर्ज किया गया।
· मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत 18 राज्यों के 20 से ज्यादा शहरों में पारा 45 डिग्री से ऊपर जा चुका है।
क्या है स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइड लाइन
· काम न हो तो धूप में बाहर न जाएं। इससे लू लग सकती है।
· दोपहर के वक्त बाहर में ज्यादा मेहनत वाला काम न करें।
· दोपहर 12 से 3 तक घर से बाहर न ही निकले तो अच्छा रहेगा।
· शराब, चाय, कॉफी और सॉफ्ट ड्रिंक न पिएं।
· धूप में खड़ी कार के अंदर बच्चों या पालतू जानवरों को न छोड़ें।
· धूप में डार्क कलर, सिंथेटिक और टाइट कपड़े पहनकर न जाएं।
कब मिलेगी राहत?
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 5 मई तक हीटवेव से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। इस दौरान उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में हीट वेव की आशंका है।
15 मई तक दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों को छोड़कर बाकी प्रदेशों में बारिश के आसार नहीं है। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले करीब 15 दिनों तक गर्मी से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।