नई दिल्ली। भारत में एक बार फिर तेल के दाम में आग लग सकती है। कहा जा रहा है कि भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम 5 से 6 रुपए तक बढ़ सकते हैं। अगर तेल के दाम इस हद तक बढ़ते हैं तो सभी वस्तुओं के दाम बढ़ेंगे। आर्थिक सुस्ती के माहौल में यह बात मोदी सरकार की चिंता का सबब बन सकती है। आइ्ए जानते हैं भारत में क्यों बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम...
सऊदी अरब में दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी अरामको के 2 प्लांट पर हुए ड्रोन हमले से वहां तेल का उत्पादन 50 फीसदी तक कम हो गया है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल के दाम बढ़ सकते हैं।
इस आतंकी हमले के बाद कच्चे तेल की कीमत में भारी उछाल देखा गया। ग्लोबल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड के दाम 19 फीसद बढ़कर 72 डॉलर प्रति बैरल हो गए। खाड़ी युद्ध के बाद पहली बार तेल की कीमतों में इतना उछाल देखा गया।
इन हमलों के बाद वैश्विक आपूर्ति का 5 फीसदी तेल उत्पादन ठप पड़ गया। आशंका जताई जा रही है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की क़ीमतें 10 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ सकती हैं।
आने वाले समय में भारत में तेल की आपूर्ति पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। इससे भारतीय तेल कंपनियां तेल के दाम बढ़ाने में कोई गुरेज नहीं करेगी। यहां तेल पर लगने वाले भारी टैक्स की वजह से यह वृद्धि 5 से 6 रुपए प्रति लीटर तक हो सकती है।
भारत अपनी जरूरत का 83 फीसदी तेल आयात करता है। इस वजह से यहां की जीडपी ग्रोथ पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को ट्वीट कर कहा था कि सरकार ने ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के साथ सितंबर की तेल जरूरत की समीक्षा कर ली है। हमें भरोसा है कि भारत को तेल आपूर्ति में कोई दिक्कत नहीं आएगी। स्थिति पर हमारी पूरी नजर हैं।