आगामी लोकसभा चुनाव वर्तमान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में लड़ा जाएगा या फिर भगवा पार्टी को नया अध्यक्ष मिलेगा? इसका फैसला सोमवार को हो जाएगा। दरअसल, नड्डा का कार्यकाल 20 जनवरी को खत्म हो रहा है। ऐसे में नड्डा की विदाई होगी या फिर उन्हें अगले कार्यकाल के लिए हरी झंडी मिल जाएगी, इसका फैसला भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हो जाएगा।
भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 16 और 17 जनवरी को दिल्ली के एनडीएमसी (NDMC) कन्वेंशन सेंटर में होगी। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत 350 के लगभग नेता शरीक होंगे। इस बैठक में पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी रणनीति तय करेगी।
इसी साल यानी 2023 में 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव भी होने हैं। कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी पार्टी के लिए काफी अहम हैं। कर्नाटक और मध्यप्रदेश में इस समय भाजपा की सरकार है। ऐसे में इन राज्यों में सत्ता बचाने के साथ ही छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में पार्टी सत्ता हासिल करने की पूरी कोशिश करेगी। हालांकि तेलंगाना में केसीआर की मजबूत पकड़ के चलते यह मुमकिन नहीं लगता।
इसलिए मिल सकता है एक्सटेंशन : इस बात की पूरी संभावना है कि जेपी नड्डा को एक्सटेंशन मिल जाएगा क्योंकि उनका 'लो-प्रोफाइल' रहना ही इस पद के लिए उनकी सबसे बड़ी योग्यता है। वे कभी भी नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के 'आभामंडल' से बाहर दिखाई नहीं देते। दूसरे शब्दों में कहें तो वे उनके 'यसमैन' की तरह हैं। गलती से भी उनके खिलाफ नहीं जा सकते।
हालांकि नड्डा की राह में हिमाचल की हार रोड़ा बन सकती है। हिमाचल नड्डा का गृह राज्य है और वहां भाजपा सत्ता में वापसी नहीं कर पाई। इससे पहले हुए उपचुनावों में भी भाजपा को मुंह की खानी पड़ी थी। एमसीडी चुनाव में भी पार्टी अपनी सत्ता नहीं बचा पाई। ये बातें नड्डा के खिलाफ जा सकती हैं, लेकिन इसके बावजूद माना जा रहा है कि नड्डा को एक्सटेंशन मिल ही जाएगा।