जोशीमठ के भू-धंसाव के चलते पूरा देश चिंतित है। भूस्खलन के चलते जोशीमठ के निवासी बेहद परेशान हैं कि वह कहां जाएं? क्या करें? दरकते घर, दरकती जमीन को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेहद गंभीर दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से विस्तार में चर्चा करते हुए हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।
मुख्यमंत्री धामी ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव की व्यक्तिगत तौर पर प्रधानमंत्री मोदी समीक्षा कर रहे हैं। सभी विभाग अपना काम जिम्मेदारी के साथ कर रहें हैं, सभी राज्य सरकार साथ है, भू-धंसाव को लेकर नए सर्वे चल रहे हैं और पुराने सर्वे रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है।
धामी ने कहा कि जोशीमठ की आपदा ने हमें भविष्य के लिए भी सचेत किया है, जो पर्वतीय शहर है उनकी धारण क्षमता कितनी है, उसकी भी जानकारी होनी चाहिए। जब पर्वतीय इलाकों में क्षमता से अधिक किसी भी तरह का भार होगा तो इस तरह की आपदा सामने आएंगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह समय अनावश्यक बातों और राजनीति करने का नही हैं, राजनीति तो आपदा के बाद में भी होती रहेगी, अभी सबको एक टीम के रूप में मिलकर यह प्रयास करना चाहिए कि जोशीमठ को कैसे बचाया जाए, लोगों की मदद कैसे हो।
उत्तराखंड सरकार ने अब तक 68 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है जबकि 600 से अधिक परिवार ऐसे हैं, जो भू-धंसाव जोन में आ रहे हैं। ऐसे परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना और उनके जानमाल की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। इस आपदा के कठिन समय में केंद्र और सभी राज्य सरकार पूरी तरह से जोशीमठ के लोगों के साथ खड़ी है।
Edited By : Chetan Gour