Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

क्या निमिषा प्रिया की बच पाएगी जान? अब सब तलाल का परिवार पर निर्भर

Advertiesment
हमें फॉलो करें Nimisha Priya case

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शनिवार, 19 जुलाई 2025 (00:10 IST)
Nimisha Priya case of Yemen: केंद्र ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि यमन में हत्या के जुर्म में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। निमिषा को 16 जुलाई को होने वाली फांसी फिलहाल टल गई है। हालांकि अभी इस बात पर असमंजस है कि निमिषा की फांसी कब तक टलेगी। तलाल का परिवार निमिषा को क्षमादान देता है तो ही उनकी जान बच पाएगी। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर इस मामले की सुनवाई हुई। 
 
याचिकाकर्ता संगठन ‘सेव निमिषा प्रिया- इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ के वकील ने पीड़ित परिवार से बातचीत के लिए यमन जाने के वास्ते केंद्र से एक प्रतिनिधिमंडल बनाने का अनुरोध किया है। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता सरकार के समक्ष अपना पक्ष रख सकता है। याचिकाकर्ता सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखना चाहते हैं, जिसके लिए वे स्वतंत्र हैं। वकील ने कहा कि पहला कदम यह है कि उन्होंने इसे (फांसी को) फिलहाल टाल दिया है। हमें पहले क्षमादान पाना होगा। दूसरे चरण में ‘ब्लड मनी’ देने की बात आती है। पहले परिवार को हमें माफ करना होगा। 
 
आप सरकार से संपर्क करें : वकील ने कहा कि यमन ऐसा देश नहीं है जहां कोई भी जा सकता है, वहां सरकार की अनुमति के बिना यात्रा पर प्रतिबंध है। इस पर पीठ ने कहा कि आप सरकार से संपर्क करें। सरकार इस पर विचार करेगी। सरकार पहले से ही आपके लिए बहुत कुछ कर रही है और अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रही है।
 
याचिकाकर्ता के वकील ने आग्रह किया कि याचिकाकर्ता संगठन के दो या तीन लोगों के प्रतिनिधिमंडल और केरल के एक धार्मिक व्यक्ति के प्रतिनिधियों (जो इस मामले से जुड़े हैं) को पीड़ित परिवार से बातचीत करने के लिए यमन की यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए। वकील ने कहा कि अगर केंद्र सरकार उचित समझे, तो सरकार का एक प्रतिनिधि भी यमन जा सकता है। वेंकटरमणी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इस समय औपचारिक रूप से कुछ भी हो सकता है।
 
क्या कहा सरकार के वकील ने : जब पीठ ने प्रश्न किया कि क्या फांसी पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी गई है तो याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अभी तक कोई तारीख नहीं दी गई है। वेंकटरमणी ने कहा कि इसका मतलब है कि कुछ तो काम हो रहा है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि प्रिया की मां पीड़ित परिवार से बातचीत करने यमन गई थीं और दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा केंद्र सरकार से उन्हें यात्रा की अनुमति देने के अनुरोध के बाद वह वहां गईं। उन्होंने कहा कि हम जाकर बातचीत कर सकते हैं और परिवार से माफ़ी मांग सकते हैं ताकि कोई हल निकल सके।
 
पीठ ने कहा कि हम कुछ नहीं कह रहे हैं। हम सिर्फ इतना कहेंगे कि वे सरकार से जो भी अनुरोध करना चाहें, करें। सरकार इस पर विचार करेगी। हम यह नहीं बता रहे हैं कि अनुरोध क्या होना चाहिए। वेंकटरमणी ने कहा कि सरकार चाहती है कि प्रिया सुरक्षित बाहर आ जाएं और हर संभव कोशिश की जा रही है, लेकिन इस समय विस्तृत जानकारी साझा नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा कि यह बहुत मुश्किल स्थिति है। वेंकटरमणी ने कहा कि अदालत में वह जो कह रहे हैं उन्हें मीडिया में प्रकाशित किया जा रहा है।
 
अगली सुनवाई 14 अगस्त को : इस पर पीठ ने कहा कि यह कुछ ऐसा है जिसे हम रोक नहीं सकते। आप या तो बंद कमरे में कार्यवाही का अनुरोध करें, हम ऐसा करेंगे। वेंकटरमणी ने कहा कि मैं बस यही चाहता हूं कि यह महिला सुरक्षित बाहर आ जाए। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 अगस्त की तिथि निर्धारित की है। शीर्ष अदालत यमन में फांसी की सजा का सामना कर रही प्रिया (38) को बचाने के लिए राजनयिक माध्यमों का इस्तेमाल करने के वास्ते केंद्र को निर्देश देने संबंधी एक याचिका पर सुनवाई कर रही है।
 
प्रिया को पहले फांसी 16 जुलाई को दी जानी थी। केरल के पलक्कड़ जिले की नर्स प्रिया को 2017 में अपने यमनी व्यापारिक साझेदार की हत्या का दोषी ठहराया गया था। उसे 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी और उसकी अंतिम अपील 2023 में खारिज कर दी गई थी। वह वर्तमान में यमन की राजधानी सना की एक जेल में बंद है। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

200 करोड़ से ज्‍यादा की धोखाधड़ी करने वाला गिरफ्तार, इस तरह बनाया अमीर व्‍यापारियों को निशाना