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निमिषा प्रिया मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, क्या बोली सरकार?

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , शुक्रवार, 18 जुलाई 2025 (15:52 IST)
Nimisha Priya news in hindi : केंद्र ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यमन में हत्या के जुर्म में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की की फांसी पर रोक लगा दी गई है। सरकार उसकी सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। ALSO READ: निमिषा प्रिया को बचाने के लिए क्या कर रही है भारत सरकार, विदेश मंत्रालय ने दी पूरी जानकारी
 
याचिकाकर्ता संगठन ‘सेव निमिषा प्रिया- इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ के वकील ने पीड़ित परिवार से बातचीत के लिए यमन जाने के वास्ते केंद्र से एक प्रतिनिधिमंडल बनाने का अनुरोध किया है। पीठ ने कहा कि फिलहाल फांसी पर रोक लगा दी गई है। याचिकाकर्ता सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखना चाहते हैं, जिसके लिए वे स्वतंत्र हैं।
 
अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने जब कहा कि केंद्र के प्रयास जारी हैं, तो याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि फांसी पर रोक लगा दी गई है। वकील ने कहा कि पहला कदम यह है कि उन्होंने इसे (फांसी को) फिलहाल टाल दिया है। हमें पहले क्षमादान पाना होगा। दूसरे चरण में ‘ब्लड मनी’ देने की बात आती है। पहले परिवार को हमें माफ करना होगा। उसके बाद ही ‘ब्लड मनी’ पर बात हो सकती है।
 
वकील ने कहा कि यमन ऐसा देश नहीं है जहां कोई भी जा सकता है, वहां सरकार की अनुमति के बिना यात्रा पर प्रतिबंध है। इस पर पीठ ने कहा कि आप सरकार से संपर्क करें। सरकार इस पर विचार करेगी। सरकार पहले से ही आपके लिए बहुत कुछ कर रही है और अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रही है।
 
याचिकाकर्ता के वकील ने आग्रह किया कि याचिकाकर्ता संगठन के दो या तीन लोगों के प्रतिनिधिमंडल और केरल के एक धार्मिक व्यक्ति के प्रतिनिधियों (जो इस मामले से जुड़े हैं) को पीड़ित परिवार से बातचीत करने के लिए यमन की यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए। वकील ने कहा कि अगर केंद्र सरकार उचित समझे, तो सरकार का एक प्रतिनिधि भी यमन जा सकता है। इस पर वेंकटरमणी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इस समय औपचारिक रूप से कुछ भी हो सकता है।
 
जब पीठ ने प्रश्न किया कि क्या फांसी पर अनिश्चित काल के लिए रोक लगा दी गई है तो याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अभी तक कोई तारीख़ नहीं दी गई है। वेंकटरमणी ने कहा कि इसका मतलब है कि कुछ तो काम हो रहा है।
 
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि प्रिया की मां पीड़ित परिवार से बातचीत करने यमन गई थीं और दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा केंद्र सरकार से उन्हें यात्रा की अनुमति देने के अनुरोध के बाद वह वहां गईं। उन्होंने कहा कि हम जाकर बातचीत कर सकते हैं और परिवार से माफ़ी मांग सकते हैं ताकि कोई हल निकल सके।
 
पीठ ने कहा कि हम कुछ नहीं कह रहे हैं। हम सिर्फ इतना कहेंगे कि वे सरकार से जो भी अनुरोध करना चाहें, करें। सरकार इस पर विचार करेगी। हम यह नहीं बता रहे हैं कि अनुरोध क्या होना चाहिए।
 
वेंकटरमणी ने कहा कि सरकार चाहती है कि प्रिया सुरक्षित बाहर आ जाएं और हर संभव कोशिश की जा रही है, लेकिन इस समय विस्तृत जानकारी साझा नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा कि यह बहुत मुश्किल स्थिति है। अदालत वह जो कह रहे हैं उन्हें मीडिया में प्रकाशित किया जा रहा है। इस पर पीठ ने कहा कि यह कुछ ऐसा है जिसे हम रोक नहीं सकते। आप या तो बंद कमरे में कार्यवाही का अनुरोध करें, हम ऐसा करेंगे।edited by : Nrapendra Gupta 

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