राहुल गांधी को लालू यादव की शादी की सलाह, क्या इस टिप्पणी के कोई राजनीतिक मायने हैं?
पीएम मोदी अमेरिका में हैं और देश में विपक्षी दल मोदी है तो मुमकिन है वाली परिकल्पना को रोकने के लिए लामबंद हो रहे हैं। शुक्रवार को 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए 15 विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। लोकसभा चुनावों में क्या होगा यह तो भविष्य की गर्त में छुपा हुआ, लेकिन इस बैठक में लालू प्रसाद के राहुल गांधी की शादी को लेकर दिए गए बयान के राजनीतिक मायने तो खोजे ही जा सकते हैं।
क्या कहा लालू यादव ने : लालू प्रसाद यादव ने बैठक में चुटकी ली। उन्होंने राहुल गांधी को कहा—अच्छा लगा आपने पूरे भारत की यात्रा की। दाडी भी उग आई, अब आप दाडी कटवा लीजिए और शादी कर लीजिए। अभी भी वक्त है शादी कर लीजिए।
लालू प्रसाद यादव की इस टिप्पणी पर बैठक में मौजूद सभी दल के नेताओं ने जोर से ठहाका लगाया। लालू यादव ने आगे कहा, शादी करिए, हमारी बात मानिए। आपकी मम्मी हमको बोलती है कि हमारी बात नहीं मानते राहुल, आप बोलिए। हम लोग बारात में चलेंगे।
अब लालू यादव के इस बयान के राजनीतिक मायने खोजे जा सकते हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्या लालू यादव राहुल को विपक्ष का दूल्हा बनाने के संकेत दे रहे हैं।
लालू यादव ने ये भी कहा-- हम सब आपकी बारात में चलेंगे। इसका मतलब ये भी निकाला जा सकता है कि सारा विपक्ष आपके पीछे बारात की तरह चलने के लिए तैयार है। यानी 2024 में विपक्ष के नेता आप हो सकते हैं।
दरअसल, लालू यादव एक बहुत ही मंझे हुए और अनुभवी नेता हैं। उनके व्यंग्य में राजनीतिक संकेत छुपे होते हैं। अपने व्यंग्य से वे कई बार बहुत गहरे और अर्थों वाले राजनीतिक बयान दे चुके हैं।
बता दें कि आज का राजनीतिक परिदृष्य देखें तो भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी को हराने के लिए सारी विपक्षी पार्टियां एक साथ होने के लिए प्रयासरत हैं। हालांकि वैचारिक मत-भिन्नता के चलते अभी भी कई नेता एक साथ नजर नहीं आ पा रहे हैं। लेकिन कहीं न कहीं सभी नेता यह जानते हैं कि नरेंद्र मोदी की राजनीतिक गति को रोकना ही उनके लिए फायदेमंद है। इस विपक्षी एकजुटता का आगे चलकर क्या होगा, इस बारे में कहना अभी बहुत जल्दबाजी होगी, लेकिन शुक्रवार को बिहार के खांटी नेता लालू प्रसाद की राहुल गांधी पर ली गई इस चुटकी ने कुछ देर के लिए ही सही 15 विपक्षी दलों के बीच एक व्यंग्य सा घोल दिया। कुछ देर के लिए ही सही नेताओं की राजनीतिक कटूता हंसी-ठहाकों में कहीं खो गई।
अब राहुल गांधी शादी करेंगे या नहीं करेंगे यह तो कोई नहीं जानता। लेकिन राजनीतिक बयानबाजी को अगर कुछ देर के लिए ही गंभीरता से लिया जाए तो हो सकता है लालू प्रसाद की इस टिप्पणी में राहुल गांधी को विपक्ष का दूल्हा बनाने के मायने निहितार्थ छिपे हों। कौन जाने, कौन क्या सोच रहा है। आखिरकार ये राजनीति है। इसलिए सोचने में क्या जाता है।