कटिहार। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हाल में देश भर में कई स्थानों पर रामनवमी के जुलूसों पर हुए हमले गंगा जमुनी तहज़ीब के दावों के विपरीत हैं।
गिरिराज ने कहा कि पाकिस्तान में हिंदू लगभग विलुप्त हो रहे हैं और वहां मंदिरों का बड़े पैमाने पर विध्वंस हुआ, लेकिन भारत ने आजादी के बाद नई मस्जिदों के निर्माण पर आपत्ति नहीं की और देश में मुसलमानों की आबादी में कई गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने चेतावनी दी कि अब धैर्य खत्म हो रहा है।
उन्होंने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और जिन्ना के डीएनए वाले धर्मनिरपेक्ष नेताओं की इन टिप्पणियों पर उक्त बयान दिया कि हिंदुओं को धार्मिक जुलूस निकालते समय सांप्रदायिकता भड़कने से बचने के लिए मुस्लिम बहुल इलाकों में जाने से बचना चाहिए।
सिंह ने कहा कि इस देश में नहीं, तो रामनवमी के जुलूस कहां निकालेंगे? पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में? अगर किसी अन्य धर्म के जुलूसों पर हमला किया गया होता, तो राहुल गांधी और लालू प्रसाद जैसे नेता अपने राजनीतिक सैर-सपाटे के लिए सड़कों पर उतर जाते।
बिहार के बेगूसराय से सांसद सिंह ने दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई घटना और कर्नाटक के हुबली में पुलिस अधिकारियों पर हुए हमले जैसी घटनाओं पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वह गोरखपुर में हुई घटना से स्तब्ध हैं जहां एक आईआईटी स्नातक ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाले धार्मिक संस्थान गोरखधाम पीठ में सुरक्षा कर्मियों पर हमला किया।
सिंह ने कहा कि देश का विभाजन 1947 में हुआ था। हमें हिंदू बहुल या मुस्लिम बहुल क्षेत्रों की बात करके फिर से वही गलती नहीं करनी चाहिए। क्या मुहर्रम के दौरान ताजिया के जुलूस में हिंदू दिल से हिस्सा नहीं लेते?