सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाना गलत, PM नरेंद्र मोदी से करेंगे बात, 'वेबदुनिया' से बोले BJP सांसद चंद्र प्रकाश, जैन समाज के हूं साथ

गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद चन्द प्रकाश चौधरी से 'वेबदुुनिया' की एक्सक्लूसिव बातचीत

विकास सिंह
गुरुवार, 5 जनवरी 2023 (08:15 IST)
झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित जैनों के पवित्र धार्मिक स्थल सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल बनाने को लेकर पूरे देश में जैन समाज सड़क पर उतकर अंहिसक तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहा है। झारखंड के गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में जैन समुदाय के पवित्र स्थल सम्मेद शिखर पारसनाथ पहाड़ पर स्थित है जोकि जैन धर्म का पवित्र स्थल और आस्था का महत्वपूर्ण स्थल है।

दरअसल जैन धर्म के पवित्र स्थल सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने के लिए केंदीय वन मंत्रालय ने गिरीडीह जिले के मुधबन में पारसनाथ पहाड़ को वन्य जीव अभ्यारण्य का एक भाग घोषित कर पारसनाथ वाइल्डलाइफ सेंचुरी और उसकी तलहटी को ईको सेंसिटिव जोन घोषित कर दिया है। जिसका अब गिरिडीह के साथ पूरे देश में जैन समाज विरोध कर रहा है।  

सम्मेद शिखर के पवित्र स्थल बनाए रखने के लिए अब जैन समाज के साथ समाज के अन्य वर्ग भी आगे आ रहे है। खुद गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद और झारखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री चन्द प्रकाश चौधरी भी अब खुलकर जैन समाज के साथ आ गए है और उन्होंने सम्मेद शिखर के साथ पूरे पारसनाथ पर्वत को पवित्र और जैन आस्था को क्षेत्र घोषित करने की मांग केंद्र सरकार से की है। ‘वेबदुनिया’ ने गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से सांसद चन्द्र प्रकाश चौधरी से पूरे मामले पर एक्सक्लूसिव बातचीत की।
 

जैन समुदाय की भावना के खिलाफ निर्णय-‘वेबदुनिया’ से बातचीत में चंद्र प्रकाश चौधरी कहते है कि सम्मेद शिखर जी जैन धर्म का पवित्र स्थल है। जैन धर्म के पवित्र स्थल सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने के लिए केंदीय वन मंत्रालय ने गिरीडीह जिले के मुधबन में पारसनाथ पहाड़ को वन्य जीव अभ्यारण्य का एक भाग घोषित कर पारसनाथ वाइल्डलाइफ सेंचुरी और उसकी तलहटी को ईको सेंसिटिव जोन घोषित कर दिया है। इसमें जैन समुदाय से कोई विचार विर्मश नहीं किया गया।

सम्मेद शिखर जी जैन समाज का धार्मिक स्थल है इसलिए पहले जैन समाज से ही बात करना चाहिए। सम्मेद शिखर ‘पारसनाथ पहाड़’ जैन धर्म के 20 तीर्थकरो भगवानों की मोक्षस्थली है। इस पहाड़ पर हजारों वर्षों से जैन समाज के सभी अनुयायी पवित्रता का पालन करते हुए 27 किलोमीटर पैदल चलकर पूर्ण पारसनाथ पहाड़ की वंदना करते है और हजारों यात्री पूरे पहाड़ की तलहटी में 58 किलोमीटर परिक्रमा करते है। इसलिए जैन समाज की धार्मिक आस्था, पवित्रता और गरिमा को ध्यान में रखकर सरकार को निर्णय लेना चाहिए।
धार्मिक स्थल के रूप में हो विकसित- वेबदुनिया से बातचीत में भाजपा सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी कहते हैं कि पूरे क्षेत्र को पर्यटन स्थल बनने से धार्मिक भावना पर ठेस पहुंचने की संभावना रहती है। इस जैन धर्म की आस्था को देखते हुए सरकार को निर्णय़ लेना चाहिए। वह कहते है कि बिना किसी से राय लिए बिना पर्यटन स्थल बनाने से हर तरह की एक्टविटी होगी जिनसे जैन समाज की धर्मिक भावना को ठेस पहुंचेगी, इसलिए हमको इसको धार्मिक स्थल के रूप से इस विकसित करना चाहिए।

भाजपा सांसद साफ कहते हैं कि आज भी वहां पर कई समस्याएं है और उनका समाधान करना चाहिए न कि पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चाहिए जिससे जैन समाज की भावना को ठेस पहुंचेगी, ऐसे में सरकार का धर्म की भावना का ख्याल रखना चाहिए।

पीएम मोदी से भी करेंगे बात-‘वेबदुनिया’ से बातचीत में चंद्र प्रकाश चौधरी  कहते हैं कि स्थानीय सांसद होने के नाते मेरी नैतिक जिम्मेदारी थी कि मैं सरकार के सामने इस मुद्दें को उठाए और मैंने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह को पत्र लिखकर पूरे जैन समाज की भावना से अवगत करा दिया है। जैन समाज के साथ मैं पूरी तरह से खड़ा हूं और अगर उनकी भावनाओं के साथ चाहे केंद्र सरकार या राज्य सरकार खिलवाड़ करेगी तो हम उसके खिलाफ आवाज उठाएंगे।

जैन समाज की धर्मिक भावना के साथ खिलवाड़ करना उचित नहीं है और सम्मेद शिखर जी को पवित्र स्थल ही रहने दिया जाए। ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में स्थानीय सांसद चंद्र प्रकाश द्दविदी साफ कहते हैं कि जरूरत पड़ी तो सम्मेद शिखर के लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से बात करेंगे।  
 

केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र- गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जैनों के पवित्र धार्मिक स्थल सम्मेद शिखर को लेकर स्थानीय भाजपा सांसद और पूर्व मंत्री चन्द्र प्रकाश चौधरी कहते हैं कि उन्होंने पूरे मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव जी को पत्र लिखकर संपूर्ण जैन समाज के साथ गिरिडीह की भावना से अवगत करा दिया है। इस मामले को लेकर वह झारंखड के मुख्यमंत्री से भी मिलेंगे।
 

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