नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लिव इन रिलेशन में रह रहे एक व्यक्ति के खिलाफ ज्यादती के आरोप में दर्ज की FIR रद्द करते हुए कहा कि 3 साल रिलेशनशिप में रहने के बाद शादी नहीं होने पर ज्यादती के आरोप में केस दर्ज कराना पूरी तरह गलत है।
जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस तरह के आरोपों को कानून में दी गई वैधानिक व्यवस्था का दुरोपयोग बताया।
एक महिला ने अपने ही सहकर्मी मदनकुमार पर रेप करने का आरोप लगाया था। दोनों 3 साल से रिलेशनशिप में थे और महिला का आरोप था कि मदन ने शाद का आश्वासन देते हुए संबंध बनाए और फिर इनकार कर दिया।
इस पर उसने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर महिला के आरोपों को बेबुनियाद बताया। उसने कहा कि अगर महिला के साथ ज्यादती हुई तो उसने 3 साल तक शिकायत क्यों नहीं की?