Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

नहीं रहे विश्वप्रसिद्ध संतूर वादक भजन सोपोरी, गुरुग्राम में ली अंतिम सांस

हमें फॉलो करें नहीं रहे विश्वप्रसिद्ध संतूर वादक भजन सोपोरी, गुरुग्राम में ली अंतिम सांस
, गुरुवार, 2 जून 2022 (18:12 IST)
गुरुग्राम। दुनियाभर के संगीत प्रेमियों को अपने संतूर वादन से मंत्रमुग्ध करने वाले प्रसिद्द संतूर वादक भजन सोपोरी का गुरुग्राम के एक अस्पताल में निधन हो गया। उनकी उम्र 74 वर्ष थी। उनका जन्म 1948 को श्रीनगर में हुआ था। पूरी दुनिया में उनके संतूर वादन के लाखों लोग दीवाने है।  
 
भजन सोपोरी के पिता पंडित एसएन सोपोरी भी एक संतूर वादक थे, उन्हीं से भजन सोपोरी की रुचि इस कला की ओर जाग्रत हुई। उन्होंने ज्यादातर शिक्षा उनके दादा एससी सोपोरी और पिता एसएन सोपोरी के सानिध्य में प्राप्त की। उन्होंने ही भजन सोपोरी को शास्त्रीय संदूर वादन सिखाया। शास्त्रीय संगीत के अध्ययन के अलावा भजन सोपोरी ने अंग्रेजी साहित्य में मास्टर्स की डिग्री भी हासिल की है। 
 
श्रीनगर में जन्मे भजन सोपोरी का ताल्लुक सूफियाना घराने से है। सोपोरी को संतूर वादन की कला अपने पिता और दादा से विरासत में मिले जिसे उन्होंने जीवन भर आगे बढ़ाने का काम किया। इसके अलावा भजन सोपोरी ने सोपोरी अकेडमी ऑफ म्यूजिक एंड परफार्मिंग आर्ट्स की स्थापना भी की, जिसका उद्देश्य भारतीय शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देना है।
अपनी संगीतमय यात्रा में भजन सोपोरी ने राग लालेश्वरी, राग पटवंती और राग निर्मल रंजनी की रचना की। उन्होंने कई हिंदी गीतों के लिए संगीत भी रचा, जिनमें विजय विश्व तिरंगा प्यारा, कदम-कदम बढ़ाए जा, सरफरोशी की तमन्ना आदि शामिल है 
 
पंडित सोपोरी एकमात्र भारतीय संगीतकार है, जिन्होंने संस्कृत, अंग्रेजी, अरबी, फारसी आदि कई भाषाओं में गीतों के लिए संगीत की रचना की। 
 
संगीत में क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए भजन सोपोरी को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2004 में पद्मश्री से सम्मानित भी किया जा चुका है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

केंद्र का राजकोषीय घाटा 6.7 फीसदी, राज्यों का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान, सरकार ने जारी किए आंकड़े...