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ज्योतिरादित्य को मिला बुआ यशोधरा राजे सिंधिया का साथ, याद दिलाया राजमाता के राष्ट्रहित का फैसला

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, बुधवार, 11 मार्च 2020 (00:01 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस के लिए जहां मंगलवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया 'खलनायक' बन गए वहीं दूसरी तरफ भाजपा के लिए वे मध्य प्रदेश में सत्ता में वापसी का सबसे बड़ा हथियार बनकर सामने आ गए हैं। ज्योतिरादित्य के भाजपा में शामिल होने को पर सबसे बड़ा समर्थन उनकी बुआ और भाजपा नेता यशोधरा राजे सिंधिया का मिला है। यशोधरा ने ट्‍वीट करके अपनी खुशी का इजहार किया है।
 
सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाली यशोधरा ने लिखा, 'राजमाता के रक्त ने लिया राष्ट्रहित में फैसला. साथ चलेंगे, नया देश गढ़ेंगे,अब मिट गया हर फासला. ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़ने  के साहसिक कदम का मैं आत्मीय स्वागत करती हूं।'
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मध्य प्रदेश कांग्रेस में जो लोग भी ज्योतिरादित्य सिंधिया से प्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं और जिनकी लगातार उपेक्षा होती रही है, उन्होंने भी थोकबंद इस्तीफे कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को भेज दिए हैं। 
 
प्रदेश में भाजपा की सत्ता में वापसी इसलिए भी आसान दिख रही है क्योंकि सिंधिया के 19 समर्थक विधायक (जिनमें कई मंत्री भी हैं) वे बेंगलुरु में मौजूद हैं। यदि वाकई आखिरी तक वे सिंधिया का दामन थामें रखते हैं तो 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार का‍ गिरना तय है। हालांकि इन रूठे हुए विधायकों को मनाने के लिए सरकार के लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा बेंगलुरु के लिए उड़ चुके हैं।
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मध्य प्रदेश में सत्ता का रंग होली के दिन बार-बार बदलता रहा। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही देर शाम तक विधायक दल की बैठकें की और उनके कीमती विधायक गायब न हो जाएं, इसके लिए रणनीति बना डाली। भाजपा के विधायक जहां देर रात दिल्ली जाने वाले विमान में सवार हो गए तो 90 कांग्रेसी और 4 निर्दलीय विधायकों ने कमलनाथ के प्रति अपना अटूट समर्थन जाहिर कर डाला।
 
कमलनाथ को 94 विधायकों के समर्थन से नया बल मिला और उन्होंने ऐलान कर डाला कि हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं है। हम विधासभा के पटल पर अपना बहुमत साबित करेंगे। इसी बीच यह भी खबर है कि कांग्रेसी विधायकों को अज्ञात स्थान पर ले जाया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि यह अज्ञात स्थान राजस्थान हो सकता है।
 
ज्योतिरादित्य के इस्तीफे का असर : मंगलवार को जैसे ही उपेक्षित होने का आरोप लगाते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस्तीफा दिया, वैसे ही मध्य प्रदेश में विधायक से लेकर कई कांग्रेस नेताओं ने इस्तीफे देने शुरू कर दिए। इंदौर में शहर कांग्रेस समिति के अध्यक्ष प्रमोद टंडन ने पार्टी छोड़ दी। 
 
उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए कहा कि मैं विगत 13 वर्षों से इंदौर शहर कांग्रेस समिति का वह अध्यक्ष रहा हूं जिसने पार्टी के विपक्ष में रहने के दौरान कार्य किया, लेकिन कांग्रेस के राज्य की सत्ता में आते ही वे दलाल और अवसरवादी लोग सर्वेसर्वा हो गए जो उस समय कहीं नजर नहीं आते थे, जब पार्टी विपक्ष में थी।
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तुलसीराम सिलावट बेंगलुरु में : ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधव राव के समय से उनसे जुड़े और मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट अपने 18 विधायकों और मंत्रियों के साथ बेंगलुरु में डेरा डाले हुए हैं। आज सिलावट ने बाकायदा फोटो सेशन करके अपने इस्तीफों की कॉपी सार्वजनिक की। 
 
भूपेंद्र सिंह लेकर आए 19 विधायकों के इस्तीफे : शिवराज सरकार में गृहमंत्री रह चुके भूपेंद्र सिंह देर शाम बेंगलुरु से सिंधिया समर्थक 19 कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे की कॉपी लेकर भोपाल लौटे। भोपाल लौटने के बाद भाजपा नेता विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति से मिले और बताया कि इस्तीफे का ईमेल उन्होंने कर दिया है। 

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