यासीन भटकल ने रची थी सूरत में परमाणु हमले की साजिश, मुसलमानों के लिए बनाया था प्लान

Webdunia
मंगलवार, 4 अप्रैल 2023 (15:41 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने वर्ष 2012 में देश के खिलाफ खिलाफ युद्ध छेड़ने का षडयंत्र रचने के मामले में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल प्रथम दृष्टया दोषी माना है। अदालत ने कहा भटकल और एक अन्य अभियुक्त के बीच बातचीत से स्पष्ट है कि उन्होंने सूरत में एक परमाणु बम के विस्फोट की साजिश रची थी।
 
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने कहा कि आरोपियों की चैट से पता चलता है कि सूरत शहर में परमाणु बम लगाने और इस तरह के आतंकवादी कृत्य को अंजाम देने से पहले सूरत शहर से मुसलमानों को निकालने के लिए इंडियन मुजाहिदीन ने योजना बनाई थी। अदालत ने भटकल के साथ ही मोहम्मद दानिश अंसारी सहित आईएम के कई सदस्यों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है।
 
अदालत ने आदेश में कहा कि भटकल न केवल पहले की आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के अन्य आरोपियों के साथ शामिल था, बल्कि हथियार और गोला-बारूद इकट्ठा करने के लिए नेपाल में माओवादियों की सहायता से भविष्य की आतंकवादी गतिविधियों की साजिश में भी शामिल था। गवाहों के बयानों में स्पष्ट रूप साबित होता है कि आरोपियों ने आतंक पैदा करने और पूरे समाज को अस्थिर करने के लिए विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की बड़ी साजिश रची।
 
अदालत ने भटकल, अंसारी, मोहम्मद आफताब आलम, इमरान खान, सैयद, ओबैद उर रहमान, असदुल्लाह अख्तर, उज्जैर अहमद, मोहम्मद तहसीन अख्तर, हैदर अली और जिया उर रहमान के खिलाफ आरोप तय किए हैं। जबकि मंजर इमाम, आरिज खान और अब्दुल वाहिद सिद्दीबप्पा को आरोपमुक्त कर दिया है। 
 
अदालत ने आरोप तय करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया इंडियन मुजाहिदीन के सदस्यों ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए आपराधिक षडयंत्र रचा। अभियुक्तों ने आपराधिक साजिश के तहत आईएम के सदस्यों ने देश के विभन्न हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बड़े पैमाने पर नए सदस्यों की भर्ती की।

कौन है यासीन भटकल :  यासीन का जन्म कर्नाटक के उडुपी जिले के भटकल गांव में हुआ। शुरुआती शिक्षा एक मदरसे में हुई। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए पुणे आने के बाद वह इकबाल और रियाज भटकल से मिला। उन्होंने आईएम की नींव रखी। बम बनाने में माहिर यासीन पर मुंबई पुलिस और एनआईए ने 10-10 लाख का इनाम भी रखा था।
 
साल 2005 से भारतीय पुलिस बलों की चार्जशीट में इनका नाम पहली बार आया। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि पिछले कई सालों में हुए कई बड़े चरमपंथी हमलों में यासीन का हाथ रहा है। ये भी आरोप लगा कि इंडियन मुजाहिदीन के संचालकों की भर्ती और उन्हें पैसे पहुंचाने में उनका हाथ रहा।

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