Yogi Cabinet meeting in Ayodhya: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक नगरी अयोध्या में कैबिनेट की बैठक से पूर्व, अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ हनुमान गढ़ी और राम मंदिर में दर्शन किए। इससे पहले योगी कैबिनेट के मंत्रियों के साथ इलेक्ट्रिक बस में बैठकर राम जन्मभूमि परिसर पहुंचे। अयोध्या में कैबिनेट की पहली बैठक के बाद योगी ने कहा कि बैठक में 14 प्रस्तावों पर चर्चा हुई।
क्यों खास है 9 नवंबर : 9 नवंबर की तिथि इस मायने में खास है क्योंकि इसी दिन उच्चतम न्यायालय ने 2019 में बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मामले में अपना फैसला सुनाया था। इस फैले के बाद राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ था। वर्ष 1989 में 9 नवंबर को ही विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर के लिए शिलान्यास किया था।
यह भी दुर्लभ संयोग ही है कि राज्य कैबिनेट की बैठक अयोध्या में संपन्न हुई। इससे पूर्व, पहली बार जनवरी, 2019 में प्रयागराज में कैबिनेट की बैठक हुई थी। इस बैठक और राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर संत-महंत भी काफी उत्साहित हैं।
क्या कहते हैं महंत राजू दास : हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि पूज्य योगी जी महाराज की पूरी कैबिनेट महाबली हनुमान के चरण शरण में आई है। क्योंकि अयोध्या में भव्य-दिव्य दीपोत्सव के साथ देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के के सानिध्य में देश के धर्माचार्य और बुद्धजीवियों के नेतृत्व में भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण का कार्य संपन्न होने वाला है। पीएम प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे। उससे पहले पूरी कैबिनेट द्वारा हनुमान जी और रामलला के दर्शन करना अद्भुत है। मुझे लगता है कि अयोध्या में कैबिनेट की बैठक मामूली बात नहीं है।
उन्होंने कहा कि इससे पहले राजनेता अयोध्या आने में कतराते थे, घबराते थे, भागते थे। राजनीतिक दलों के लोग आते थे तो फैजाबाद को छूकर निकल जाते थे। डर के मारे किसी की अयोध्या में एंट्री नहीं होती थी और आज यूपी की पूरी कैबिनेट हनुमान जी और रामलला की शरण में है।
सनातनियों को मिलेगा लाभ : अयोध्या के ज्योतिषाचार्य कल्कि महाराज ने कहा कि देखिए 21वीं सदी में भारत उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर है। 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया था। 9 नवंबर पुनः बैठक होने जा रही है। शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि अयोध्या में कैबिनेट की बैठक होगी।
कल्कि महाराज ने कहा कि यह सनातन विरोधियों के विनाश का पहला पत्थर उत्तर प्रदेश के ओजस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गाड़ने जा रहे हैं। भविष्य में सनातन विरोधी पनपेंगे, फलेंगे, फूलेंगे ऐसा स्वप्न में भी संभव नहीं है। अब भारत पूरे विश्व में अयोध्या के माध्यम से नई रूपरेखा तय कर रहा है। इसका लाभ दुनिया के कोने-कोने में रह रहे सभी सनातनियों को मिलेगा।