इसलिए हुई केजरीवाल की आलोचना : बंगले को लेकर यह विवाद इसलिए भी उठ खड़ा हुआ है क्योंकि केजरीवाल और उनके साथियों ने चुनाव से पहले कहा था कि वे साधारण लोगों की तरह रहेंगे और वे किसी भी तरह के वीआईपी कल्चर के खिलाफ हैं, लेकिन शायद उन्हें तब इस बात का अहसास नहीं था कि एक बाद बड़े संवैधानिक पद संभालने के लिए कई तरह की सुविधाएं ऐसी होती हैं जिनके बिना आपका गुजारा नहीं होता है।
आप सरकार के मंत्रियों और मुख्यमंत्री केजरीवाल के लिए वायदों और जमीनी वास्तविकता के बीच के अंतर को पाटने के लिए बड़ी कड़ी मशक्कत करनी होगी क्योंकि उनकी ऐसी सभी बातों के लिए आलोचना की जाएगी, जिन्हें केजरीवाल और उनके साथियों ने ना लेने की बात कही थी।
केजरीवाल ने पुलिस सुरक्षा लेने से बेशक मना कर दिया हो, लेकिन उनकी सुरक्षा काफी महंगी साबित हो रही है। दिल्ली पुलिस की मानें, तो केजरीवाल को किसी अन्य मुख्यमंत्री के मुकाबले दस गुना ज्यादा सुरक्षा देनी पड़ रही है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक यदि वे सुरक्षा लेते हैं, तो ऐसे में 8 से 10 सुरक्षाकर्मी काफी रहेंगे लेकिन केजरीवाल के सुरक्षा लेने से मना करने पर इस समय उन्हें करीब 100 सुरक्षाकर्मी कवर कर रहे हैं। ऐसी ही सुरक्षा उस समय भी रही थी, जब केजरीवाल मेट्रो से रामलीला मैदान शपथ लेने पहुंचे थे।