आईपीएल विवाद के केंद्र में रही राकांपा

Webdunia
गुरुवार, 22 अप्रैल 2010 (22:21 IST)
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आईपीएल को लेकर उपजे विवाद में कांग्रेस की महत्वपूर्ण सहयोगी राकांपा के नेता और केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल और शरद पवार की पुत्री सुप्रिया सुले के परिवार के सदस्यों की कथित भूमिका आज इसके केंद्र में रही।

पार्टी और सुले ने उन खबरों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया है कि पार्टी के नेता या उनके परिवार के सदस्य किसी तरह के आर्थिक कदाचार में शामिल है। लेकिन पटेल ने खुद से जुड़ी खबरों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पार्टी ने पवार और पटेल की सरकार से इस्तीफे की संभावना को खारिज कर दिया।

सुले ने हालाँकि यह माना कि उनके पति सदानंद सुले की अपने पिता बीआर सुले के ‘प्रॉक्सी’ के तौर पर मल्टी स्क्रीन मीडिया में 10 फीसदी हिस्सेदारी है। बीआर सुले कई वर्षों तक सोनी से जुड़े रहे हैं। एमएसएम ने कथित तौर पर खेल प्रबंधन कंपनी डब्ल्यूएसजी को आईपीएल टेलीविजन अधिकार हासिल करने के लिए आठ करोड़ डालर का फैसिलिटेशन शुल्क का भुगतान किया।

राकांपा के लोकसभा में नौ सांसद हैं और वह महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार का हिस्सा है। राकांपा के विवाद में फँसने के बीच ऐसा समझा जाता है कि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह को आईपीएल में जो कुछ भी चल रहा है उसकी जानकारी दी। इसमें खासतौर पर आईपीएल में धन के स्रोत के संबंध में आरोपों के बारे में जानकारी देना शामिल है। ऐसा समझा जाता है कि मुखर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी जानकारी दी है।

मुखर्जी ने कहा कि वह विभिन्न आईपीएल फ्रेंचाइजी को लेकर कर के संबंध में चल रही जाँच पर टिप्पणी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि जाँच पूरी हो जाने के बाद हर कोई जान जाएगा। हालाँकि, विपक्षी नेताओं ने पटेल की भूमिका को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कथित तौर पर अपनी पुत्री पूर्णा की ओर से भेजे गए ई-मेल को पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर को फॉरवर्ड किया था। इसे नई आईपीएल फ्रेंचाइजी की बोली लगाए जाने से दो दिन पहले भेजा गया था, जिसमें उनके अनुमानित मूल्यों का ब्योरा था।

गौरतलब है कि एक समाचार पत्र ने एक खबर प्रकाशित की है जिसमें कहा गया है कि उनके निजी सचिव ने उनकी पुत्री की ओर से भेजे गए आईपीएल सीईओ के संदेश को थरूर को फॉरवर्ड किया था। थरूर आईपीएल कोच्चि टीम को प्रमोट कर रहे थे।

उन्होंने बुधवार को दैनिक से कहा था कि थरूर ने मित्र के तौर पर उनसे मदद माँगी थी और उन्होंने आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी से बातचीत की थी और कहा था कि थरूर कुछ सूचना चाहते हैं।

पूर्णा ने आज स्वीकार किया कि उसने अपने बॉस और आईपीएल सीईओ के आदेशानुसार सूचना अपने पिता को फॉरवर्ड कर दी थी। अचानक राजनीतिक तापमान बढ़ते देखकर राकांपा ने अपने प्रवक्ता डीपी त्रिपाठी को मीडिया के सवालों का जवाब देने के लिए मैदान में उतारा।

त्रिपाठी ने कहा कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल पटेल के निजी कार्यालय से ऐसी सूचना को अग्रसारित करने में कुछ भी गलत नहीं दिखा जो गोपनीय नहीं थी बल्कि यह व्यापारिक योजना थी। उन्होंने कहा कि पूर्णा ने आईपीएल के सीईओ के ई-मेल को पटेल के सचिव को भेजा। इसमें कुछ भी नहीं है। रिकॉर्ड सीधा है। ई-मेल यहाँ आ रहे हैं और वहाँ जा रहे हैं। इसे मंत्री के निजी कार्यालय से भेजा गया।

त्रिपाठी ने कहा कि आईपीएल में पार्टी की तरफ से किसी की कोई वित्तीय संलिप्तता नहीं है। उन्होंने कहा कि राकांपा किसी भी व्यक्ति, एजेंसी को चुनौती देती है कि आईपीएल मामले में वह हमारे सदस्यों की संलिप्तता के संबंध में सबूत के साथ आए। उन्होंने कहा कि क्योंकि राकांपा से किसी की कोई वित्तीय संलिप्तता नहीं है।

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस पवार पर निशाना साध रही है तो उन्होंने कहा कि मैं नहीं मानता कि कांग्रेस ऐसा कर रही है। हम परेशान नहीं हैं। शरद पवार और पार्टी स्थिति का सामना करने के लिए मजबूत हैं।

उधर, राकांपा प्रमुख शरद पवार की पुत्री और सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि उनके पति और उनके परिवार को आईपीएल विवाद के संबंध में कुछ लोग बदनाम कर रहे हैं। वह इस संबंध में कानूनी कार्रवाई करेंगे। सुले ने कहा कि मेरे पति सदानंद सुले उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए अपने वकीलों से बातचीत कर रहे हैं जो हमें बदनाम करने का प्रयास कर रहे है।

सुले ने कहा कि प्रफुल्लभाई या मुझे कुछ भी नहीं छिपाना है। मेरे पति क्रिकेट के प्रशंसक हैं और कुछ नहीं। उनका इससे कुछ भी लेना-देना नहीं है। एमएसएम में उनके पति की 10 फीसदी हिस्सेदारी के बारे में पूछे जाने पर सुले ने कहा कि उनके पिता 1992 से लेकर वषरें तक सोनी के अध्यक्ष रहे। पूरी दुनिया इसे जानती है। यह छिपा हुआ रहस्य नहीं है। वह 84 साल के हैं और लंबे समय से बीमार हैं और इसलिए उनके पति को यह 10 फीसदी हिस्सेदारी हासिल हुई और वह भी अपने पिता के ‘प्रॉक्सी’ के तौर पर।

हालाँकि, विपक्षी पार्टियाँ राकांपा की दलीलों से सहमत नहीं हुईं। भाजपा नेता और सांसद प्रकाश जावडेकर ने पटेल पर तंज कसते हुए कहा कि वह कब से आईपीएल के लिए मूल्यांकन परामर्शदाता बन गए। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि आईपीएल सीईओ के संदेश को पटेल की पुत्री को क्यों भेजा गया और बाद में उन्होंने इसे पटेल के निजी सचिव को भेजा, जिसे बाद में थरूर को अग्रसारित किया गया।

लोकसभा में भाकपा के नेता गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि जो लोग सरकार में अहम पदों पर हैं, उन्हें खेल प्रबंधन से दूर रहना चाहिए। (भाषा)

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