कर्नाटक पुलिस को मिली भटकल की हिरासत

Webdunia
शुक्रवार, 17 जनवरी 2014 (20:04 IST)
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने कर्नाटक पुलिस की याचिका को स्वीकार करते हुए बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में अप्रैल 2010 में हुए विस्फोट के मामले में इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के सह संस्थापक यासिन भटकल को 28 जनवरी तक की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

विस्फोट में भटकल की कथित भूमिका का हवाला देकर कर्नाटक पुलिस ने उसकी हिरासत की मांग की थी, जिसे जिला न्यायाधीश आईएस मेहता ने स्वीकार कर लिया। 17 अप्रैल 2010 को रॉयल चैलेंजर्स और मुंबई इंडियंस के बीच मैच से कुछ घंटे बाद चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम में विस्फोट हुआ था।

पुलिस ने अदालत को बताया कि विस्फोट के मामले में बेंगलुरु की एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने वारंट जारी कर 30 वर्षीय भटकल को अदालत में पेश करने को कहा है। इस मामले में अन्य आरोपियों आईएम के दूसरे सह-संस्थापक रियाज भटकल और फैश महमूद को भी अदालत में पेश होने का आदेश है। महमूद को गिरफ्तार किया जा चुका है।

चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुए विस्फोट में कुछ सुरक्षाकर्मियों सहित 15 लोग घायल हो गए थे। इस बीच सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने भटकल और उसके साथी असदुल्ला अख्तर की याचिका पर अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश की। दोनों ने अपनी याचिका में कहा था कि उन्हें उच्च सुरक्षा वाले इस जेल में जान का खतरा है।

विभिन्न आतंकवादी हमलों के मामले में दोनों आरोपियों को उच्च सुरक्षा वाले तिहाड़ जेल में रखा गया है। तिहाड़ जेल संख्या 4 के अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, इसकी विस्तृत जांच की गई है और यह बात सामने आई है कि आरोपी ने जेल अधिकारियों के समक्ष जेल में अपनी जान को खतरा होने के संबंध में कभी कोई जानकारी नहीं दी। भटकल और अख्तर इसी जेल में बंद हैं।

जेल अधीक्षक ने कहा, दोनों आरोपी हाई रिस्क वार्ड में बंद हैं, जहां चौबीसों घंटे विशेष सुरक्षा व्यवस्था रहती है। यासिन भटकल और अहसानुल्ला अख्तर ने अपनी याचिका में दावा किया है कि तिहाड़ जेल के अधीक्षक ने उन्हें धमकी दी है कि उनकी हत्या कर दी जाएगी और आरोप लगाया है कि उनके प्रति जेल अधिकारियों का रवैया अपमानजनक है।

आरोपियों ने दावा किया हे, अधीक्षक ने धमकी दी है कि उनकी जेल में हत्या कर दी जाएगी। जेल के अधिकारियों का रवैया और बर्ताव अपमानजनक है और उनके साथ जानवरों से भी खराब व्यवहार किया जाता है।

भटकल और अख्तर की गिरफ्तारी के बाद दोनों को दिलसुखनगर विस्फोट मामले में एनआईए की हैदराबाद इकाई क्रमश: 21 सितंबर और 17 सितंबर को हैदराबाद ले गई थी। विस्फोट में 16 लोग मारे गए थे। दोनों को एनआईए की टीम ने पिछले वर्ष 28 अगस्त को भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया था। (भाषा)

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