इफ्तिखार हुसैन नामक व्यक्ति ने एक ट्वीट में कहा है कि यदि भारत को सानिया मिर्जा को 'पाकिस्तान की बहू' कहने पर आपत्ति है तो उन्हें शोएब मलिक को 'भारत का दामाद' मान लेना चाहिए। आईएएम पीरजादा लिखते हैं कि यदि भाजपा को सानिया मिर्जा स्वीकार नहीं है तो उन्हें भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को भी पाकिस्तान भेज देना चाहिए।
अनंत चतुर्वेदी की राय इन दोनों से अलग है। अनंत का मानना है कि भाजपा का विरोध जायज है। सानिया अब भारतीय नहीं है। अत: उन्हें ब्रांड एंबेसेडर बनाए जाने का तेलंगाना सरकार का फैसला सही नहीं है। प्रमोद पांडा किरण बेदी को नसीहत देते हुए लिखते हैं कि मैडम, कृपया सलाह न दें। हम भारतीय हैं पाकिस्तानी नहीं। वे फैसले पर सवाल उठाते हैं कि सानिया मिर्जा क्यों, साइना नेहवाल क्यों नहीं?
बिरंची आचार्य ने ट्वीट किया है कि भाजपा नेताओं की मानसिकता संकीर्ण है। सानिया भारतीय हैं और लोगों को उन पर गर्व हैं। दिलीप लिखते हैं कि जिस तरह सोनिया गांधी भारतीय हैं, उसी तरह साइना मिर्जा भी पाकिस्तानी हैं। सुनील ककरानिया ने सानिया को कश्मीर से जोड़ दिया। उनका कहना है कि कश्मीर की तरह सानिया भी भारत का अभिन्न अंग है।
अजीतसिंह नामक व्यक्ति ने ट्वीट किया है कि आडवाणी के बारे में क्या खयाल हैं, जो 'सन ऑफ पाकिस्तान' हैं। अश्लेषा जोशी लिखती हैं कि किसी को भी सानिया मिर्जा को ब्रांड एंबेसेडर बनाए जाने से परेशानी नहीं होनी चाहिए।