* प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अब देश और समाज के बांटने के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन आरोपों के विपरीत मोदी ने हिन्दू और मुसलमान की बाज करने के बजाय 125 करोड़ भारतीयों की ही बात की।
* सम्मान का भाव : नरेन्द्र मोदी ने बुजुर्गों और संसद के प्रति सम्मान का भाव भी प्रस्तुत किया। संसद की सीढ़िया चढ़ते से पहले उन्होंने वहां माथा टेका तो अंदर जाकर बुजुर्ग नेता लालकृष्ण आडवाणी का आशीर्वाद लिया। एक और बुजुर्ग नेता जसवंतसिंह (सिंह ने बागी होकर बाड़मेर सीट से भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ा था) को भी पत्र लिखकर उनके प्रति सम्मान प्रदर्शित किया और कहा कि उनके मार्गदर्शन की आवश्यकता रहेगी।
* शपथ समारोह वाले दिन उन्होंने अपने दिन की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर जाकर की, जबकि संघ परिवार पर गांधीजी हत्या के आरोप भी लगते रहे हैं।
* दक्षेस देशों के नेताओं को शपथ समारोह में बुलाकर अच्छी कूटनीति का परिचय दिया। शपथ के साथ ही पड़ोसी देशों से संबंध बढ़ाने पर जोर दिया। इसी के चलते पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भी भारत आना पड़ा।
* श्रीलंका के राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे से बातचीत में भी तमिलों के मुद्दे को उठाया।
* पाक प्रधानमंत्री शरीफ से आतंकवाद समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की साथ ही उन्हें संदेश भी दिया बातचीत और आतंकवाद दोनों चीजें साथ-साथ नहीं चल सकतीं।
इन बातों से मोहा सबका मन...
और काम करने के लिए बनाया 10 सूत्रीय एजेंड ा...
अगले पन्ने पर... यहां नहीं छोड़ पाए प्रभा व...