परीक्षा पर चर्चा मेरे लिए भी परीक्षा की तरह, विद्यार्थियों से और क्या बोले PM मोदी
इस साल mygov पोर्टल पर 2.26 करोड़ छात्रों ने कराया था पंजीकरण
- खुद से प्रतिस्पर्धा करें : मोदी
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छात्र से पहले से ज्यादा नवाचारी
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लिखने की आदत विकसित कीजिए
Prime Minister Narendra Modi discussion on examination: छात्रों को भारत के भविष्य का आकार देने वाला बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम उनके लिए भी एक परीक्षा की तरह है। वहीं, मोदी ने विद्यार्थियों से कहा कि खुद से प्रतिस्पर्धा करें, दूसरों से नहीं।
राजधानी स्थित प्रगति मैदान के नवनिर्मित भारत मंडपम के टाउन हॉल में प्रधानमंत्री ने परीक्षा पे चर्चा के सातवें संस्करण में स्कूली छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से संवाद करते हुए कहा कि छात्र पहले से कहीं अधिक नवाचारी हो गए हैं। मोदी ने कहा कि हमारे छात्र हमारे भविष्य को आकार देंगे।
स्वस्तव प्रतिस्पर्धा : मोदी ने कहा कि प्रतिस्पर्धा और चुनौतियां जीवन में प्रेरणा का काम करती हैं, लेकिन प्रतिस्पर्धा स्वस्थ होनी चाहिए। उन्होंने छात्रों से कहा कि घर से निकलने से पहले ही तनाव शुरू हो जाता है। हमें घबराना नहीं चाहिए। तय समय से पहले परीक्षा केन्द्र पर पहुंचना चाहिए। लिखने की आदत विकसित कीजिए। छात्रों को रोज किसी न किसी विषय पर लिखना चाहिए। छात्रों को अपना लिखा पढ़ना भी चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि शिक्षक का काम केवल नौकरी करना या नौकरी बदलना नहीं है, उसका काम जिंदगी को संवारना और उसे सामर्थ्य देना है। ऐसे शिक्षक ही परिवर्तन लाते हैं। वहीं, पीएम ने माता-पिता से कहा कि हमें अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से नहीं करनी चाहिए।
6 वर्षों से जारी है परीक्षा पर चर्चा : शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित परीक्षा पे चर्चा में पिछले छह वर्षों से छात्र, अभिभावक और शिक्षक शामिल होते रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण चौथा संस्करण ऑनलाइन आयोजित किया गया था, जबकि पांचवां और छठा संस्करण टाउन-हॉल प्रारूप में संपन्न हुआ था। पिछले वर्ष के संस्करण में कुल 31.24 लाख छात्रों, 5.60 लाख शिक्षकों और 1.95 लाख अभिभावकों ने भाग लिया था।
इस साल, माइ गोव पोर्टल पर करीब 2.26 करोड़ पंजीकरण हुए हैं जो छात्रों के बीच इस कार्यक्रम को लेकर व्यापक उत्साह को दर्शाता है। इस साल का आयोजन भारत मंडपम में टाउन-हॉल प्रारूप में आयोजित किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस भारत मंडपम में विश्व के बड़े-बड़े नेताओं ने भविष्य की चर्चा की थी, उसी स्थान पर आज भारत के भविष्य की चर्चा परीक्षा की चिंताओं के साथ करने वाले हैं। कला उत्सव के विजेताओं के साथ प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से दो छात्रों और एक शिक्षक को आमंत्रित किया गया है। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala