नई दिल्ली। व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले में अपना नाम घसीटे जाने को कांग्रेस की गंदी राजनीति का हिस्सा करार देते हुए केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने एक बार फिर से इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की।
उमा भारती के कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार कांग्रेस पार्टी के नेताओं की संलिप्तता के कारण वह पार्टी उनका नाम उछालकर भ्रम की स्थिति पैदा करने और इसे हल्का बनाने का प्रयास कर रही है।
विज्ञप्ति के अनुसार, उमा भारती ने दिसंबर 2013 में भी व्यापमं घोटाले की तुलना बिहार के चारा घोटाले से की थी और इसकी जांच सीबीआई को सौंपने को कहा था क्योंकि इसमें मध्यप्रदेश के अलावा अन्य राज्यों के तार जुड़े हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी। एसटीएसफ ने बयान में कहा कि उमा भारती की इसमें संलिप्तता नहीं है।
ऐसा आरोप है कि मध्यप्रदेश में अनुबंध पर काम करने वाले शिक्षकों की भर्ती से संबंधित व्यावसायिक परीक्षा मंडल में घोटाला हुआ था।
कार्यालय ने कहा कि उमा भारती ने इसमें कांग्रेस की गंदी राजनीति का अंदेशा जताया है और कहा है कि इससे न सिर्फ मामले की गंभीरता कम हो जाएगी, बल्कि जांच भी प्रभावित हो सकती है। उमा ने कहा कि कोई भी अपराधी चाहे कितना भी रसूखदार क्यों न हो, वह बचना नहीं चाहिए। (भाषा)