पैरों की बिवाइयों का देसी आदिवासी इलाज

डॉ. दीपक आचार्य
आदिवासियों के अनुसार, लगभग 20 ग्राम मोम लीजिए और लगभग इतनी ही मात्रा में गेंदे की ताजी बारीक-बारीक कटी हरी पत्तियाँ। दोनो को एक बर्तन में लेकर धीमी आंच पर गर्म कीजिए, कुछ देर में मोम पिघलने लगेगी और साथ ही पत्तियों का रस भी मोम के साथ घुल मिल जाएगा।

जब मोम पूरी तरह से पिघल जाए, हल्का हल्का खौलने लगे, बर्तन को नीचे उतार दीजिए और ठंडा होने दीजिए। मोम को सोने से पहले पैरों की बिवाइयों पर लगाइये, दिन में भी इस मोम को लगाकर मोजे पहन लें, पैरों की बिवाईयों या कटे फ़टे हिस्से दो दिन में ठीक होने लगेंगे।

एक दूसरा उपाय भी है जिसे आप घर पर ही आजमा सकते हैं

पैरों को नींबू का रस मिलाए हुए पानी में डुबाकर कुछ देर के लिए रखें। इसे लूफा या मुलायम स्क्रबर से घिसें। पैरों पर पके हुए केले का पल्प भी लगाकर रख सकते हैं। नींबू का रस नैचुरल ऐसिड होता है इसकी मदद से मृत त्वचा को बिना किसी परेशानी के निकाला जा सकता है।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

युद्ध के संबंध में क्या कहती है चाणक्य नीति?

बच्चों की कोमल त्वचा पर भूलकर भी न लगाएं ये प्रोडक्ट्स, हो सकता है इन्फेक्शन

वास्तु के अनुसार कैसे प्राप्त कर सकते हैं नौकरी

पाकिस्तान से युद्ध क्यों है जरूरी, जानिए 5 चौंकाने वाले कारण

घर की लाड़ली को दीजिए श अक्षर से शुरू होने वाले ये पारंपरिक नाम

सभी देखें

नवीनतम

गर्मी के दिनों में फैशन में हैं यह कपड़े, आप भी ट्राय करना ना भूलें

क्या है परेश रावल के यूरीन से इलाज के दावे का सच, जानिए क्या बोले यूरोलॉजिस्ट

इंदौर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में फिटनेस, फास्टिंग और लाइफस्टाइल पर विशेष व्याख्यान का सफल आयोजन संपन्न

पहलगाम अटैक के बाद क्‍यों हो रही है फिल्‍म The Social Dilemma की चर्चा?

इंदौर में स्वस्थ जीवनशैली और लंबी उम्र के लिए जागरूकता कार्यक्रम, "लिव लॉन्ग, लिव स्ट्रॉन्ग"