Sharad Navratri Garba 2025: शारदीय नवरात्रि हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाई जाती है। यह देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का पर्व है, जिसमें भक्ति, शक्ति और संस्कार का संगम होता है। इस पर्व में गरबा नृत्य की विशेष भूमिका होती है, विशेष रूप से गुजरात और अन्य पश्चिमी राज्यों में। शारदीय नवरात्रि में गरबा नृत्य का विशेष महत्व है। यह गुजरात का एक पारंपरिक लोक नृत्य है जो सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि भक्ति, ऊर्जा और उत्सव का प्रतीक है। गरबा नृत्य के कई प्रकार हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:
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1. पारंपरिक गरबा (Traditional Garba): यह गरबा का सबसे शुद्ध रूप है, जिसमें सरल और लयबद्ध ताल पर धीमी गति से नृत्य किया जाता है। इसमें ताली बजाने पर अधिक ध्यान दिया जाता है। यह नृत्य देवी दुर्गा की पूजा और भक्ति को समर्पित होता है।
2. दो ताली गरबा (Two-Clap Garba): यह सबसे लोकप्रिय गरबा रूपों में से एक है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, इसमें हर कदम के साथ दो बार ताली बजाई जाती है। यह नृत्य एक गोलाकार आकृति में किया जाता है, जो जीवन के चक्र का प्रतीक है।
3. तीन ताली गरबा (Three-Clap Garba): यह गरबा भी बहुत प्रचलित है। इसमें नर्तक लयबद्ध तरीके से तीन बार ताली बजाते हैं। यह दो ताली गरबा से थोड़ा अधिक जटिल और तेज होता है।
4. डांडिया रास (Dandiya Raas): हालांकि इसे गरबा का ही एक रूप माना जाता है, लेकिन यह एक अलग नृत्य शैली है जिसमें लकड़ी की रंगीन छड़ियों (डांडिया) का उपयोग किया जाता है। डांडिया रास में नर्तक एक-दूसरे के डांडिया से टकराते हुए नृत्य करते हैं, जो देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच हुए युद्ध का प्रतीक माना जाता है। यह गरबा की तुलना में अधिक तेज और ऊर्जावान होता है।
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5. हिच (Hinch). यह गरबा की एक तेज और अधिक आधुनिक शैली है। इसमें नृत्य की गति बहुत तेज होती है और इसमें छोटे-छोटे कदमों का उपयोग किया जाता है। यह अक्सर गरबा और डांडिया के सत्रों के अंत में किया जाता है, जब ऊर्जा चरम पर होती है।
6. कोली गरबा (Koli Garba). यह सौराष्ट्र के मछुआरे समुदाय (कोली) का एक पारंपरिक गरबा है। इसमें नृत्य की गति बहुत तेज होती है और इसमें समुद्र की लहरों की नकल की जाती है। नर्तक अक्सर पारंपरिक कोली पोशाक पहनते हैं और इसमें चप्पू जैसी वस्तुओं का भी इस्तेमाल किया जाता है।
7. बेथा गरबा (Betha Garba). यह एक अनूठी शैली है, जिसमें नर्तक बैठकर ही नृत्य करते हैं। यह विशेष रूप से नागर समुदाय में प्रचलित है और इसमें भक्ति गीत गाए जाते हैं। इसमें हाथों से ताली बजाकर लय बनाई जाती है।
8. बॉलीवुड और फ्यूजन स्टाइल आधुनिक गरबा: इन पारंपरिक शैलियों के अलावा, आजकल गरबा में बॉलीवुड और फ्यूजन गरबा भी बहुत लोकप्रिय हो गए हैं, जिनमें बॉलीवुड गानों और आधुनिक धुनों पर नृत्य किया जाता है। अत: आज के समय में गरबा में बॉलीवुड संगीत, डीजे बीट्स और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूजन की भी धूम होने के कारण युवा पीढ़ी पारंपरिक गरबा को नए अंदाज में पेश कर रही है, जिससे यह नृत्य हर पीढ़ी को जोड़ रहा है।
तो इस नवरात्रि, ताली बजाइए, गरबा नृत्य कीजिए और देवी मां की कृपा पाइए!
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