प्रत्येक नवरात्रि में मां दुर्गा की सवारी अलग-अलग होती है। इस बार नवरात्रि का प्रारंभ 26 अक्टूबर 2022 से हो रहा है। माता रानी इस वर्ष हाथी पर सवार होकर आ रही है। माता का जब भी किसी सवारी पर सवार होकर आगमन होता है तो उससे भविष्य की घटनाओं का संकेत भी मिलता है। आओ जानते हैं कि नवदुर्गा किस किस सवारी पर सवार होकर आती है और क्या इसका अर्थ।
देवी भागवत पुराण अनुसार इस श्लोक से जानें कि माता कि सवारी कैसे डिसाइड होती है-
शशि सूर्य गजरुढ़ा शनिभौमै तुरंगमे।
गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥
- यदि नवरात्रि सोमवार या रविवार से प्रारंभ हो तो माता हाथी पर सवार होकर आती हैं।
- शनिवार या मंगलवार हो तो माता की सवारी घोड़ा होता है।
- गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्रि शुरू होती है तो मां डोली में विराजमान होकर आती हैं।
- यदि बुधवार दिन हो तो मातारानी का आगमन नौका में होता है।
- जब माता हाथी पर सवार होकर आती है तो वर्षा अधिक होने का संकेत है।
- माता का आगमन हाथी और नौका पर होता तो वह साधक के लिए कल्याणकारी होता है।
- पालकी में आगमन का अर्थ है कि विश्व में कुछ नया होने वाला है। परिवर्तन अथवा विनाश दोनों की संभावना है।