Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
  • तिथि- वैशाख कृष्ण प्रतिपदा
  • शुभ समय- 6:00 से 9:11, 5:00 से 6:30 तक
  • व्रत/मुहूर्त- कच्छापवतार, सत्य सांईं महा.दि.
  • राहुकाल- दोप. 12:00 से 1:30 बजे तक
webdunia
Advertiesment

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में यह पुष्प अर्पित करें देवी दुर्गा को (पढ़ें अपनी राशिनुसार)

हमें फॉलो करें Gupt Navratri
आषाढ़ और माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं। इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि (ashadh gupt navratri) 30 जून से शुरू होकर 8 जुलाई तक मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यतानुसार आषाढ़ माह के विशेष दिनों में व्रत करने का बहुत ही महत्व होता है क्योंकि आषाढ़ माह में देव सो जाते हैं, इसी माह में गुप्त नवरात्रि के व्रत प्रारंभ होते हैं और इसी माह से चातुर्मास भी प्रारंभ हो जाता है। इस माह में योगिनी एकादशी और देवशनी एकादशी का प्रमुख व्रत होता है।
 
गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा होती है जिनके नाम है-
1. काली, 2. तारा, 3. त्रिपुरसुंदरी, 4. भुवनेश्वरी, 5. छिन्नमस्ता, 6. त्रिपुरभैरवी, 7. धूमावती, 8. बगलामुखी, 9. मातंगी और 10. कमला। उक्त दस महाविद्याओं का संबंध अलग-अलग देवियों से हैं।
 
प्रवृति के अनुसार दस महाविद्या के तीन समूह हैं। 
पहला- सौम्य कोटि (त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, मातंगी, कमला), 
दूसरा- उग्र कोटि (काली, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी), 
तीसरा- सौम्य-उग्र कोटि (तारा और त्रिपुर भैरवी)।
 
मां दुर्गा की आराधना में सभी राशियों के लिए कमल, गुडहल, गुलाब, एवं कनेर प्रजातियों के सभी पुष्प शुभ माने गए हैं। इन पुष्पों के द्वारा का पूजन करने से देवी मां को प्रसन्न किया जा सकता है।

आइए जानते हैं 12 राशियों के अनुसार शुभ फूल- 
 
मेष राशि- गुड़हल, गुलाब, लाल कनेर, लाल कमल अथवा किसी भी तरह के लाल पुष्प। 
लाभ- मंगल जनित दोषों के कुप्रभाव से बचा जा सकता है।
 
वृष राशि- श्वेत कमल, गुडहल, श्वेत कनेर, सदाबहार, बेला, हरसिंगार आदि जितने भी श्वेत प्रजाति के पुष्प। 
लाभ- शुक्र की शुभता में वृद्धि होगी।
 
मिथुन राशि- मां की पूजा पीला कनेर, गुडहल, द्रोणपुष्पी, गेंदा और केवड़ा पुष्प।
लाभ- अभीष्ट कार्य सिद्धि तथा बुध की कृपा प्राप्त होगी।
 
कर्क राशि- श्वेत कमल, श्वेत कनेर, गेंदा, गुडहल, सदाबहार, चमेली, रातरानी तथा अन्य श्वेत और गुलाबी पुष्प।
लाभ- चंद्र जनित दोषों से मुक्ति।
 
सिंह राशि- किसी भी तरह के पुष्प से कमल, गुलाब, कनेर, गुड़हल।
लाभ- सूर्य और देवी दुर्गा कृपा मिलेगी। 
 
कन्या राशि- गुड़हल, गुलाब, गेंदा, हरसिंगार एवं अन्य अति सुगंधित पुष्प।
लाभ- मनोरथ सिद्धि एवं बुध और अन्य ग्रहों की अनुकूलता मिलेगी।
 
तुला राशि- श्वेत कमल श्वेत, कनेर, गेंदा, गुड़हल, जूही, हरसिंगार, सदाबहार, केवड़ा, बेला चमेली आदि पुष्प।
लाभ- मां दुर्गा की अनुकूलता और शुक्र ग्रह की कृपा प्राप्त होगी।
 
वृश्चिक राशि- किसी भी प्रजाति के लाल पुष्प, पीले पुष्प, एवं गुलाबी पुष्प। 
लाभ- दुर्गा कृपा तथा लाल कमल से घर-परिवार में समृद्धि तथा मंगल देव की कृपा प्राप्त होगी।
 
धनु राशि- कमल पुष्प, कनेर, गुड़हल, गुलाब, गेंदा, केवडा और कनेर की सभी प्रजातियां के पुष्प।
लाभ- देवी मां का आशीर्वाद एवं बृहस्पति देव की कृपा मिलेगी।
 
मकर राशि- नीले पुष्प, कमल, गेंदा, गुलाब, गुड़हल आदि।
लाभ- देवी दुर्गा की कृपा और शनिजनित दुष्प्रभावों से मुक्ति। 
 
कुंभ राशि- नीले पुष्प, गेंदा, सभी प्रकार के कमल, गुड़हल, बेला, चमेली, रातरानी आदि।
लाभ- देवी भगवती की कृपा और शनि ग्रह दोष से मुक्ति तथा मनोरथ सिद्धि।
 
मीन राशि- पीले कनेर की सभी प्रजातियां, सभी प्रकार के कमल, गेंदा, गुलाब, गुड़हल की सभी प्रजातियों के पुष्प।
लाभ- देवी मां की कृपा तथा बृहस्पति जन्य दोषों से मुक्ति की प्राप्ति। 
 
साथ ही नौ दिन मां भगवती को अपराजिता के पुष्प अर्पित करके जीवन की समस्त बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करें।

webdunia

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

पुरी और अहमदाबाद की रथ यात्रा में क्या है अंतर? यह जानकारी आपको नहीं होगी...