chaitra navratri 2020 : कोरोना वायरस का चैत्र नवरात्रि पर असर, करें सत्संग, रहें घर पर

Webdunia
कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ रहा है। भारत में भी इस वायरस के बढ़ते संक्रमण के कई मामले सामने आ रहे हैं। एक तरफ जहां Lock down और कर्फ्यू की स्थिति है वहीं देशभर के देवी मंदिरों के कपाट भी बंद हैं। इसलिए इस बार घर में रह कर ही माता रानी की आराधना करना होगा।
 
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही नव वर्ष की शुरुआत होती है। चैत्र मास हिन्दी कैलेंडर का पहला माह होता है। इस बार चैत्र नवरात्रि 25 मार्च 2020 से शुरू हो रहे हैं और 2 अप्रैल 2020 को समाप्त होंगे। इस बार नवरात्र में बेहद खास संयोग बन रहे हैं। बुधवार होने के कारण मां इस बार नौका पर विराजमान होकर आएंगी और हाथी पर सवार होकर जाएंगी।
 
माता का वाहन हाथी होने का मतलब है कि इस साल बारिश अच्छी होने वाली है। जो कृषि के लिहाज से बेहतर होगा। इस बार पूरे नवरात्रि हैं, किसी भी तिथि का क्षय नहीं है। लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण इस नवरात्रि में खास सावधानी बरतनी होगी।
 
नवरात्रि में इस बार घर में रहकर ही मां दुर्गा की पूजा करें। घर में किसी भी कीर्तन और सत्संग का आयोजन न करें। कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए इस मां दुर्गा की अराधना घर में रहकर ही एकांत में करनी होगी।  कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अपने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए 

इस नवरात्रि किसी भी कीर्तन न तो घर में आयोजन करें और न ही किसी और के घर में इसमें शामिल होने जाएं।

ALSO READ: चैत्र नवरात्रि 25 मार्च 2020 : कब और कैसे करें कलश स्थापना, जानिए शुभ मुहूर्त

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

हरतालिका तीज के दिन शिव पार्वती पूजा के लिए अष्ट प्रहर मुहूर्त का समय

ऋषि पंचमी कब है, क्या करते हैं इस दिन, पूजा का शुभ मुहूर्त और मंत्र

इस बार गणेश चतुर्थी बुधवार को, कई शुभ योग में स्थापित होंगे गणपति, जानें विसर्जन का मुहूर्त

कब से होंगे गणेश उत्सव प्रारंभ, क्या है गणपति स्थापना और पूजा का शुभ मुहूर्त, मंगल प्रवेश

सितंबर माह 2025 में कब कब है एकादशी?

सभी देखें

धर्म संसार

21 अगस्त 2025 : आपका जन्मदिन

21 अगस्त 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

पिठोरी अमावस्या पर कर लें कालसर्प दोष दूर करने के 4 अचूक उपाय

पोला पर्व क्या और क्यों मनाया जाता है, जानें रोचक जानकारी और खास बातें

पर्युषण महापर्व 2025: जानें धार्मिक महत्व और जैन धर्म के 5 मूल सिद्धांत

अगला लेख