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आज के शुभ मुहूर्त

(रुक्मिणी अष्टमी)
  • तिथि- पौष कृष्ण अष्टमी
  • शुभ समय- 6:00 से 7:30 तक, 9:00 से 10:30 तक, 3:31 से 6:41 तक
  • व्रत/मुहूर्त-रुक्मिणी अष्टमी, किसान दिवस
  • राहुकाल-प्रात: 7:30 से 9:00 बजे तक
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chaitra navratri navami : चैत्र नवरात्रि की नवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है

हमें फॉलो करें chaitra navratri navami  : चैत्र नवरात्रि की नवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है
कन्या पूजन विधि और पूजा का शुभ मुहूर्त
 
नवरात्रि के पर्व में नवमी का तिथि का विशेष महत्व बताया है। चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण माना गया है।
 
पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि 21 अप्रैल से आरंभ होगी।इस दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान राम के जन्मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है। नवमी की तिथि को बहुत ही शुभ माना जाता है।नवमी की तिथि शुभ कार्यों को आरंभ करने के लिए भी उत्तम मानी गई है। 
 
13 अप्रैल से नवरात्रि का पर्व आरंभ हुआ है। नवरात्रि के पर्व में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है।नवरात्रि के पर्व में अष्टमी और नवमी तिथि को विशेष महत्व दिया जाता है। अष्टमी में मां महागौरी का पूजन किया जाता है। इस अष्टमी को महा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। नवमी की तिथि मे मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इसी दिन कन्या पूजन और कन्याओं को प्रसाद का भोग लगाया जाता है। पूजन के बाद नवरात्रि व्रत का पारण किया जाता है।
 
 
शुभ मुहूर्त 
पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल की अष्टमी तिथि का आरंभ 20 अप्रैल मंगलवार को मध्य रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से होगा। 21 अप्रैल बुधवार की मध्यरात्रि 12 बजकर 43 मिनट पर अष्टमी तिथि का समापन होगा।
 
 
21 अप्रैल से आरंभ होगी नवमी की तिथि
पंचांग के अनुसार नवमी तिथि का आरंभ 21 अप्रैल को मध्यरात्रि 12 बजकर 43 मिनट से होगा और 22 अप्रैल मध्यरात्रि 12 बजकर 35 मिनट पर नवमी की तिथि का समापन होगा।
 
 
कन्या पूजन की विधि
अष्टमी और नवमी की तिथि में कन्या पूजन का विशेष महत्व बताया गया है। कन्या पूजन में 9 कन्याओं का पूजन किया जाता है। इसमें एक लड़के को भी आमंत्रित किया जाता है। इस लड़के को बटुक भैरव का स्वरूप माना जाता है। इसे लंगूरा भी कहा जाता है।कन्याओं और बटुक भैरव के स्वरूप के पैरों को जल से स्वच्छ करते हैं। 
 
इसके उपरांत आसन प्रदान करें। इसके बाद सभी का तिलक करें। आदर भाव से सभी को भोजन कराएं। भोजन करने के बाद सभी को उपहार आदि प्रदान करें।कन्याओं के चरण स्पर्श कर प्रेमभाव से विदा करें।विदा करने से पूर्व मार्ग पर जल की छींटें दें। कोरोना काल में आवश्यक सामाजिक दूरी का पालन करें और हो सके तो प्रतीकात्मक पूजा ही करें... संभव हो तो कन्याओं को भी सुरक्षा संबंधी जानकारी दें..मास्क और सेनेटाइजर भेंट में दें....
नवमी शुभ मुहूर्त (21 अप्रैल 2021)
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 10 मिनट से, सुबह 04 बजकर 54 मिनट तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से 03 बजकर 09 मिनट तक
 
गोधूलि मुहूर्त- शाम 06 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 46 मिनट तक
 
निशिथ मुहूर्त- रात्रि 11 बजकर 45 मिनट से 22 अप्रैल मध्य रात्रि 12 बजकर 29 मिनट तक
 
रवि योग मुहूर्त- 2021 को शाम 07 बजकर 59 मिनट से 22 अप्रैल को शाम 05 बजकर 39 मिनट तक
 

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