प्रतिपदा के दिन घर में ही ज्वारे बोने का भी विधान है। नवमी के दिन इन्हीं ज्वारों को, जिसमें बोए हैं, सिर पर रखकर किसी नदी या तालाब में विसर्जन करना चाहिए। अष्टमी तथा नवमी महातिथि मानी जाती हैं। इन दोनों दिनों पारायण के बाद हवन करें फिर यथाशक्ति कन्याओं को भोजन कराना चाहिए।