Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(पंचमी तिथि)
  • तिथि- कार्तिक शुक्ल पंचमी
  • शुभ समय- 6:00 से 9:11, 5:00 से 6:30 तक
  • व्रत/मुहूर्त-पांडव पंचमी, ज्ञान पंचमी, गुरु गोविंद सिंह पुण्य.
  • राहुकाल- दोप. 12:00 से 1:30 बजे तक
webdunia
Advertiesment

नवरात्रि में दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना से शांत हो जाते हैं नवग्रहों के प्रकोप

हमें फॉलो करें नवरात्रि में दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना से शांत हो जाते हैं नवग्रहों के प्रकोप
हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना का पर्व 'शारदीय नवरात्रि' मनाया जाता है।
 

 
आश्विन शुक्ल पक्ष प्रथमा को कलश की स्थापना के साथ ही भक्तों की आस्था का प्रमुख त्योहार शारदीय नवरात्रि आरंभ हो जाता है। 
 
9 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में मां भगवती के नौ रूपों क्रमश: शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है। 
 
यह महापर्व संपूर्ण भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इन दिनों भक्तों को प्रात:काल स्नानादि क्रियाओं से निवृत्त होकर निष्कामपरक संकल्प कर पूजा स्थान को गोमय से लीपकर पवित्र कर लेना चाहिए। फिर षोडशोपचार विधि से माता के स्वरूपों की पूजा करना चाहिए।
 
पूजा करने के उपरांत इस मंत्र द्वारा माता की प्रार्थना करना चाहिए- 
 
मंत्र- 'विधेहि दे‍वि कल्याणं विधेहि परमांयिम। 
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।' 
 
पौराणिक कथानुसार महाराक्षस रावण का वध करने के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने शारदीय नवरा‍त्रि का व्रत किया था, तभी जाकर उन्हें विजय की प्राप्ति हुई थी। 
 
आस्थावान भक्तों में मान्यता है कि 9 दिनों तक माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना करने वाले भक्तों पर से नवग्रहों का प्रकोप शांत हो जाता है और जीवन में उसे सुख, शांति, यश और समृद्धि की प्राप्ति होती है।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भाइयों को जिंदा करने के लिए यक्ष ने युधिष्ठिर से पूछे थे प्रश्न, यह है पहला प्रश्न और इसका जवाब