ये है नवरात्रि पर घटस्थापना की पौराणिक विधि...

आचार्य डॉ. संजय
* नवरात्रि  में घर पर कैसे करें घटस्थापना जानिए... 
 
सबसे पहले जौ बोने के लिए एक ऐसा पात्र लें जिसमें कलश रखने के बाद भी आसपास जगह रहे। यह पात्र मिट्टी की थाली जैसा कुछ हो तो श्रेष्ठ होता है। इस पात्र में जौ उगाने के लिए मिट्टी की एक परत बिछा दें। मिट्टी शुद्ध होनी चाहिए। पात्र के बीच में कलश रखने की जगह छोड़कर बीज डाल दें, फिर एक परत मिट्टी की बिछा दें। एक बार फिर जौ डालें। फिर से मिट्टी की परत बिछाएं। अब इस पर जल का छिड़काव करें। 
 
कलश तैयार करें। कलश पर स्वस्तिक बनाएं। कलश के गले में मौली बांधें। अब कलश को थोड़े गंगाजल और शुद्ध जल से पूरा भर दें। कलश में साबुत सुपारी, फूल और दूर्वा डालें। कलश में इत्र, पंचरत्न तथा सिक्का डालें। अब कलश में पांचों प्रकार के पत्ते डालें। कुछ पत्ते थोड़े बाहर दिखाई दें, इस प्रकार लगाएं। चारों तरफ पत्ते लगाकर ढक्कन लगा दें। 

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इस ढक्कन में अक्षत यानी साबुत चावल भर दें। नारियल तैयार करें। नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर मौली बांध दें। इस नारियल को कलश पर रखें। नारियल का मुंह आपकी तरफ होना चाहिए। यदि नारियल का मुंह ऊपर की तरफ हो तो उसे रोग बढ़ाने वाला माना जाता है। नीचे की तरफ हो तो शत्रु बढ़ाने वाला मानते हैं। पूर्व की ओर हो तो धन को नष्ट करने वाला मानते हैं। नारियल का मुंह वह होता है, जहां से वह पेड़ से जुड़ा होता है। अब यह कलश जौ उगाने के लिए तैयार किए गए पात्र के बीच में रख दें। अब देवी- देवताओं का आह्वान करते हुए प्रार्थना करें कि 'हे समस्त देवी-देवता, आप सभी 9 दिन के लिए कृपया कलश में विराजमान हों।' 
 
आह्वान करने के बाद ये मानते हुए कि सभी देवतागण कलश में विराजमान हैं, कलश की पूजा करें। कलश को टीका करें, अक्षत चढ़ाएं, फूलमाला अर्पित करें, इत्र अर्पित करें, नैवेद्य यानी फल-मिठाई आदि अर्पित करें। घटस्थापना या कलश स्थापना के बाद देवी मां की चौकी स्थापित करें। 

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