Biodata Maker

गुप्त नवरात्रि में व्रत रखना चाहिए या नहीं और पूजा करना चाहिए क्या?

Webdunia
बुधवार, 29 जून 2022 (17:23 IST)
Aashadh gupt navratri 2022: वर्ष में चार नवरात्रियां होती हैं। चैत्र माह में चैत्र नवरात्रि, आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्रि, अश्‍विन माह में शारदीय नवरात्रि और माघ माह में गुप्त नवरात्रि। 30 जून 2022, गुरुवार को आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि है। अधिकतर लोग चैत्र माह और अश्‍विन माह की नवरात्रि जिसे नौदुर्गा कहते हैं उसमें व्रत रखते हैं और नवदुर्गा की पूजा करते हैं, लेकिन क्या सभी को गुप्त नवरात्रि में भी व्रत रखना चाहिए या और पूजा करना चाहिए क्या?
 
गुप्त नवरात्रि में व्रत रखें या नहीं, पूजा करें या नहीं?
 
1. चैत्र और अश्विन माह की नवरात्रि सर्व साधारण भक्तों के लिए होती है, जिसे प्रत्यक्ष नवरात्रि कहते हैं जबकि गुप्त नवात्रि साधकों के लिए होती है।
 
2. चैत्र और शारदीय नवरात्रि में सात्विक या दक्षिणमार्गी साधना की जाती है, जबकि गुप्त नवरात्रि में तंत्र अर्थात वाममार्गी साधना की जाती है जो आम लोगों के लिए नहीं होती है।
 
3. नवरात्रि में 9 देवियों की भक्ति और पूजा की जाती है जबकि यदि कोई अघोर साधना करना चाहे तो दस महाविद्या में से किसी एक की साधना करता है जो गुप्त नावरात्रि में सफल होती है।
 
4. गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्त्व रखती है। आम लोगों को इनसे दूर रहना चाहिए।
 
5. गुप्त नवरात्रि के दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। यदि आप उन नियमों का पालन नहीं कर सकते हैं तो आपको व्रत और साधान का संकल्प नहीं लेना चाहिए। 
 
6. प्रत्यक्ष नवरात्रि को सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति हेतु मनाया जाता है जबकि गुप्त नवरात्रि को आध्‍यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति, सिद्धि, मोक्ष हेतु मनाया जाता है।
 
7. चैत्र और शारदीय नवरात्रि गृहस्थों और सामान्यजनों के लिए है परंतु गुप्त नवरात्रि संतों और साधकों को लिए है। यह साधना की नवरात्रि है उत्सव की नहीं।

कैसे होती हैं प्रसन्न : सभी 10 माताएं पूजा से नहीं साधना करने से प्रसन्न होती हैं। इनकी गुप्त नवरात्रि में विशेष साधना होती है। प्रवृति के अनुसार दस महाविद्या के तीन समूह हैं। पहला:- सौम्य कोटि (त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, मातंगी, कमला), दूसरा:- उग्र कोटि (काली, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी), तीसरा:- सौम्य-उग्र कोटि (तारा और त्रिपुर भैरवी)। व्यक्ति को साधना के अनुसार ही चयन करके साधना करना चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Budh vakri gochar 2025: बुध ग्रह ने चली वक्री चाल, जानिए क्या होगा 12 राशियों का राशिफल

Vivah Panchami upaay : विवाह पंचमी पर किए जाने वाले 5 मुख्य उपाय

Dreams and Destiny: सपने में मिलने वाले ये 5 अद्‍भुत संकेत, बदल देंगे आपकी किस्मत

Sun Transit 2025: सूर्य के वृश्‍चिक राशि में जाने से 5 राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Margashirsha Month 2025: आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं तो मार्गशीर्ष माह में करें ये 6 उपाय

सभी देखें

धर्म संसार

18 November Birthday: आपको 18 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 18 नवंबर, 2025: मंगलवार का पंचांग और शुभ समय

गीता जयंती पर गीता ज्ञान प्रतियोगिता के बारे में जानें और जीते लाखों के इनाम

Margashirsha Amavasya: मार्गशीर्ष अमावस्या कब है, 19 या 20 नवंबर? जानें शुभ मुहूर्त

Gita jayanti 2025: इस वर्ष 2025 में कब है गीता जयंती?

अगला लेख