अष्टमी तिथि अश्विन मास शुक्ल पक्ष अर्थात 12 अक्टूबर 2021 दिन मंगलवार को रात 09 बजकर 49 मिनट 38 सेकंड से प्रारंभ होकर 13 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार को रात 08 बजकर 09 मिनट और 56 सेकंड पर समाप्त होगी। अत: अष्टमी का पूजन 13 अक्टूबर 2021, दिन बुधवार को किया जाएगा। इस अवसार पर जानिए महाष्टमी के 8 खास उपाय।
1. निर्जला व्रत : नवरात्रि में महाष्टमी का व्रत रखने का खास महत्व है। मान्यता अनुसार इस दिन निर्जला व्रत रखने से बच्चे दीर्घायु होते हैं।
2. लाल चुनरी : अष्टमी के दिन माता यदि सुहागन महिलाएं मां गौरी को लाल चुनरी अपित करती हैं तो उनने पति की उम्र बढ़ जाती है।
3. कन्या भोज : अष्टमी के दिन कन्या भोज का बहुत महत्व है। विविध प्रकार से पूजा-हवन कर 9 कन्याओं को भोजन खिलाना चाहिए और हलुआ आदि प्रसाद वितरित करना चाहिए। साथ ही कन्याओं को दक्षिणा के साथ ही श्रृंगार का समान जैसे मेहंदी, चूड़ी, बिंदी और काजल भेंट करें। ऐसा करने से देवी मां सौभाग्य और संतान संबंधी सुख प्रदान करती हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
4. संधि पूजा : इस दिन संधि पूजा का भी महत्व है। संधि पूजा के समय देवी दुर्गा को पशु बलि चढ़ाई जाने की परंपरा तो अब बंद हो गई है और उसकी जगह भूरा कद्दू या लौकी को काटा जाता है। कई जगह पर केला, कद्दू और ककड़ी जैसे फल व सब्जी की बलि चढ़ाते हैं। इससे माता गौरी के साथ ही माता सिद्धिदात्री भी प्रसन्न होती हैं।
5. 108 दीपक : इस दिन संधिकाल में 108 दीपक जलाने से जीवन में छाया अंधकार मिट जाता है।
6. पीपल के पत्ते : अष्टमी के दिन पीपल के 11 पत्ते लें। उन पर राम नाम लिखें पत्तों की माला बनाकर हनुमानजी को पहना दें। इससे सभी प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं और पूरा वर्ष अच्छा बितता है।
7. धन समृद्धि हेतु : कहते हैं कि स्थिर लक्ष्मी प्राप्ति के लिए पान में गुलाब की 7 पंखुरियां रखकर तथा मां दुर्गा को अर्पित करें।
8. मनोकामना पूर्ति हेतु : नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना के लिए लाल रंग के कंबल पर बैठना बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इससे सभी मनोकामना पूरी होती है।