मां अंबिका के 9 रूप : कौन सा रूप देता है क्या वरदान

Webdunia
मां अंबे, मां दुर्गा, मां भगवती ... चाहे नाम कोई भी हो इन 9 दिनों में वह भरपूर आशीष देती है। 9 दिनों की 9 देवियां अपने विशेष आशीर्वाद के लिए जानी जाती हैं। आइए जानें किस देवी से मिलता है कौन सा शुभ वरदान.....


1. शैल पुत्री- मां दुर्गा का प्रथम रूप है शैल पुत्री। पर्वतराज हिमालय के यहां जन्म होने से इन्हें शैल पुत्री कहा जाता है। नवरात्रि की प्रथम तिथि को शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इनके पूजन से भक्त सदा धन-धान्य से परिपूर्ण पूर्ण रहते हैं।

2. ब्रह्मचारिणी- मां दुर्गा का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी है। मां दुर्गा का यह रूप भक्तों और साधकों को अनंत कोटि फल प्रदान करने वाली है। इनकी उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की भावना जागृत होती है।

3. चंद्रघंटा- मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा है। इनकी आराधना तृतीया को की जाती है। इनकी उपासना से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। वीरता के गुणों में वृद्धि होती है। स्वर में दिव्य अलौकिक माधुर्य का समावेश होता है व आकर्षण बढ़ता है।

4. कुष्मांडा- चतुर्थी के दिन मांं कुष्मांडा की आराधना की जाती है। इनकी उपासना से सिद्धियों, निधियों को प्राप्त कर समस्त रोग-शोक दूर होकर आयु व यश में वृद्धि होती है।

5. स्कंदमाता- नवरात्रि का पांचवां दिन स्कंदमाता की उपासना का दिन होता है। मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता परम सुखदायी है। माँ अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती है।

6. कात्यायनी- मां का छठवां रूप कात्यायनी है। छठे दिन इनकी पूजा-अर्चना की जाती है। इनके पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है। कात्यायनी साधक को दुश्मनों का संहार करने में सक्षम बनाती है। इनका ध्यान गोधूली बेला में करना होता है।

7. कालरात्रि- नवरात्रि की सप्तमी के दिन मांं काली रात्रि की आराधना का विधान है। इनकी पूजा-अर्चना करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है व दुश्मनों का नाश होता है। तेज बढ़ता है। 

8. महागौरी- देवी का आठवांं रूप मांं गौरी है। इनका अष्टमी के दिन पूजन का विधान है। इनकी पूजा सारा संसार करता है। महागौरी की पूजन करने से समस्त पापों का क्षय होकर चेहरे की कांति बढ़ती है। सुख में वृद्धि होती है। शत्रु-शमन होता है।

9. सिद्धिदात्री- मां सिद्धिदात्री की आराधना नवरात्रि की नवमी के दिन किया जाता है। इनकी आराधना से जातक अणिमा, लघिमा, प्राप्ति,प्राकाम्य, महिमा, ईशित्व, सर्वकामावसांयिता, दूर श्रवण, परकाया प्रवेश, वाक् सिद्धि, अमरत्व, भावना सिद्धि आदि समस्तनव-निधियों की प्राप्ति होती है। 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

07 सितंबर 2025 को होगा खग्रास चंद्रग्रहण, देश-दुनिया पर होगा प्रभावी

Ganesh Visarjan 2025 : गणेश उत्सव के अंतिम दिन कर लें ये काम, पूरे साल कोई विघ्न नहीं करेगा परेशान

Ganesh Visarjan 2025: गणेश विसर्जन के बाद पूजन सामग्री का क्या करें? जानिए सही तरीका

Lunar eclipse 2025: चंद्र ग्रहण: वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण और उपाय

Lunar Eclipse 2025: क्या इस बार का चंद्रग्रहण भी लेकर आने वाला है डर और तबाही की नई लहर?

सभी देखें

धर्म संसार

05 September Birthday: आपको 5 सितंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 5 सितंबर, 2025: शुक्रवार का पंचांग और शुभ समय

Anant Chaturdashi 2025: अनंत चतुर्दशी की तिथि, महत्व और 5 मुख्य कार्य जो आपको करना चाहिए

क्या चंद्रग्रहण सिर्फ एक खगोलीय घटना है, या इसके पीछे छिपा है भय और विध्वंस का खौफनाक सच?

Ganesh chaturthi 2025: इस मुस्लिम देश के रक्षक हैं श्रीगणेश, 700 सालों से ज्वालामुखी की आग से कर रहे लोगों की हिफाजत

अगला लेख