-प्रो. सी.बी. श्रीवास्तव "विदग्ध"
आया नवरात्रि का त्यौहार,चलो माँ के दर्शन करें
अंबे मां का लगा है दरबार,चलो माँ के दर्शन करें
माता के दरसन है पावन सुहावन
नैनों से झरता है करुणा का सावन
भक्तों की माँ ही आधार,चलो माँ के दर्शन करें
माता के मंदिर की शोभा निराली
उड़ती ध्वजा लाल मन हरने वाली
खुला सबके लिये मां का द्वार,चलो माँ के दर्शन करें
मंदिर में जलती सुहानी वो जोती
जो मन के सब मैल किरणो से धोती
माता सुनती हैं सबकी पुकार चलो माँ के दर्शन करें