क्यों कहते हैं मां को शेरावाली, जानिए शेर पर सवारी की कहानी...

Webdunia
मां दुर्गा के अनेक नाम हैं। शेर पर सवार होने के कारण मां अम्बे को शेरावाली कहते हैं। लेकिन मां दुर्गा को शेरावाली के नाम से पुकारने के पीछे एक कथा भी प्रचलित है। इस कथा के अनुसार -  
 
भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने हजारों वर्षों तक तपस्या की थी। इस तपस्या का तेज इतना अधिक था कि मां पार्वती का गोरा रंग सांवला पड़ गया था। लेकिन तपस्या सफल हुई और मां पार्वती को भगवान शिव, पति के रूप में प्राप्त हुए। 
 
एक बार शाम के समय मां पार्वती और भगवान शिव साथ कैलाश पर्वत पर बैठे थे। भगवान शिव ने हास्य बोध में मां पार्वती के रंग को देख उन्हें 'काली' कहकर पुकारा। ये शब्द माता को अच्छे नहीं लगे और वे तुरंत कैलाश पर्वत छोड़ वन में अपने गोरे रंग को फिर पाने के लिए घोर तपस्या करने बैठ गईं। 
 
जब वे वन में तपस्या कर रही थीं, तभी एक भूखा शेर मां को खाने के उद्देश्य से वहां पहुंचा। लेकिन वह शेर चुपचाप वहां बैठकर तपस्या कर रही माता को देखता रहा। माता की तपस्या में सालों बीत गए और मां पार्वती के साथ शेर वहीं बैठा रहा रहे। 
 
जब माता पार्वती की इस तपस्या को खत्म करने वहां भगवान शिव पहुंचे और उन्हें फिर गोरा होने का वरदान दिया, तब मां पार्वती गंगा स्नान के लिए चली गईं। स्नान के लिए गई मां पार्वती के शरीर से  एक और काले रंग की देवी वहां प्रकट हुईं। उस काली देवी के निकलते ही माता पार्वती एक बार फिर गोरी हो गईं और इस काले रंग की माता नाम कौशिकी पड़ा। जब मां पार्वती का रंग गोरा हुआ तो माता पार्वती को एक और नाम मिला, जिसे उनके भक्त गौरी नाम से जानते हैं।  
 
जब मां पार्वती वापस अपने स्थान पर पहुंची, तो शेर को वहीं बैठा पाया।  इस बात से प्रसन्न होकर माता गौरी ने उस शेर को अपना वाहन बना लिया और वे शेर पर सवार हुर्इं। यही कारण है कि मां दुर्गा को शेरावाली कहा जाने लगा।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 2025 में अब कब बन रहे हैं युद्ध के योग?

8 वर्षों तक बृहस्पति करेंगे अतिचारी गोचर, क्या होगा इन आठ वर्षों में?

क्या ग्रह नक्षत्रों के परिवर्तन से हो चुकी है तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत, इस तारीख तक मिट जाएगा पाकिस्तान

चाणक्य की इन बातों से जानें जीने की कला, अगर सीख ली तो कदमों में होगी दुनिया

राक्षसों के नाम पर रखे हैं भारत के इन शहरों के नाम, जानिए कौनसे हैं ये शहर

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: व्यापार, प्रेम, करियर और नौकरी का विशेष भविष्यफल, जानें 15 मई का दैनिक राशिफल

15 मई 2025 : आपका जन्मदिन

15 मई 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

क्या Nuclear की मौत मरेगा पाकिस्तान, जानिए भविष्यवाणी का सच

शिव के विराट दर्शन कराती एक कविता : महाकाल

अगला लेख