लेकिन एक बात है जो न केवल आयोजकों को परेशान कर रही है बल्कि यहां विभिन्न वाहन कंपनियों के पैवेलियन पर मौजूद उन मॉडल्स के लिए भी परेशानी का सबब बन रही है जो यहां सुबह से शाम तक अपनी मोहक मुस्कान बिखेरती लोगों के 'सवालों' का बड़े धीरज से जवाब दे रही हैं।
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आपको लगेगा कि इस में परेशानी की क्या बात है। तो जनाब ये खूबसूरत मॉडल्स परेशान हैं उन मनचलों से जिनका ध्यान कारों और बाइक्स से ज्यादा इन मॉडल्स पर हैं। कई स्टॉल्स पर जहां विदेशी मॉडल्स हैं, वहां दर्जनों की तादाद में इन मनचलों का झुंड जुटा रहता है और न सिर्फ इनके फोटो खिंचने में मशगूल है बल्कि धक्का-मुक्की और अभद्र इशारे तक करता है।
अगले पन्ने पर, रंगीन मिजाज लोग मॉडलों से मांगते हैं....
मॉडल्स ने बताया कि कई बार लोग बातचीत के दौरान उनसे फोन नंबर, सोशल मीडिया आईडी भी मागंते हैं। इन मॉडल्स की सुरक्षा के लिए हांलाकि मोटर कंपनियों और एक्सपो आयोजकों ने सुरक्षाकर्मी तथा पर्सनल गार्डस भी रखे हैं लेकिन रंगीनमिजाज लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।
हालांकि 5-6 फरवरी को यह एक्सपो सिर्फ मीडिया और चुनिंदा लोगों के लिए ही खुला था लेकिन फिर भी बहुत से अन्य लोग यहां बेवजह घूमते दिखाई दिए। यहां तक कि ऑटो कंपनियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी लोग छीना-झपटी करते दिखाई दिए। प्रेस रिसेप्शन पर मौजूद लड़कियां भारी भीड़ में खुद को बेहद असहज महसूस कर रही थीं।
अगले पन्ने पर, परेशानी मॉडल्स की जुबानी.....
एमबीए की पढ़ाई कर रहीं अर्पिता बिष्ट, जो एक पार्ट टाइम मॉडल हैं, बताती है कि एक कार कंपनी के पैवेलियन पर हुई प्रेस मीट के दौरान मीडिया किट पाने के लालच में दर्जनों लोगों ने उन्हें घेर लिया और बड़ी मुश्किल से उनके पुरुष सहयोगियों ने उन्हें भीड़ में से निकाला।
सबसे बड़ी मुसीबत है यहां आई विदेशी मॉडल्स की। जर्मनी और इटली से आईं कई मॉडल्स को अंग्रेजी भी ठीक से नहीं आती और सबसे ज्यादा भीड़ भी इन्हीं के पैवेलियन पर रहती है। पिछले 3 साल से लगातार इस ऑटो एक्सपो में बतौर को-ऑर्डिनेटर मॉडल नताली ऑस्बर्न का कहना है कि पिछले साल प्रगति मैदान में भी ऐसा ही माहौल था लेकिन इस बार इवेंट ग्रेटर नोएडा में होने से हमें उम्मीद है कि यहां थोड़े प्रोफेशनल लोग आएंगे जिन्हें हेंडल करना आसान होगा।
अगले पन्ने पर, कितना पैसा मिलता है इन मॉडल्स को...
दिनभर हाई हिल्स पहने और मोहक मुस्कान बिखेरने वाली इन मॉडल्स को हर रोज 2 हजार से लेकर 20 हजार रुपए तक मिलते हैं। 24 वर्षीय प्रेजेंटर और मॉडल नीना गिल बताती हैं कि इस एक्स्पो में चयन के लिए बाकायदा टेस्ट देना होता है जिसके बाद ही सिलेक्शन होता है। हालांकि इसके लिए ऑटोमोबाइल्स का ज्ञान होना जरूरी नहीं है।
नीना ने बताया कि इवेंट के पहले तीन दिन तक उन्हें ट्रेनिंग दी जाती हैं और लोगों को हेंडल करना सिखाया जाता है। उनके मुताबिक विदेशी ऑटो कंपनियां ज्यादा पैसा तो देती ही हैं, साथ ही खाना और पिकअप-ड्रॉप सुविधा भी देती हैं।
अगले पन्ने पर, लोगों के रिस्पांस से उत्साहित मॉडल्स...
इटली से आई मॉडल पेनी का कहना है कि वे इटालियन कंपनी पेजियो की ओर से आईं है। उन्होंने भारत के बारे में बहुत पढ़ा है और वे यहां लोगों का रिस्पांस देख बेहद उत्साहित हैं। उनका मानना है कि सुपर बाइक्स के साथ ग्लैमर होना आवश्यक है।
बहरहाल, इन घटनाओं को ये मॉडल्स बहुत बड़ी समस्या नहीं मानती हैं और अपनी मोहक मुस्कान के साथ वे जुटी हैं 12वें अंतरराष्ट्रीय ऑटो एक्सपो में आने वाले मेहमानों के स्वागत में....