मेले में 70 नए वाहन पेश किए जाएंगे जिनमें से 26 वैश्विक मॉडल हैं। यह मेला 5-11 फरवरी तक चलेगा ओर इसमें पहले दो दिन मीडिया के लिए रखे गए हैं। आम लोगों के लिए प्रवेश 7 फरवरी से शुरू होगा।
आटो एक्सपो का यह 12वां संस्करण है जिसे जगह की कमी के चलते दो भागों में बांट दिया गया है। मोटर शो गेट्रर नोएडा में होगा जबकि वाहन कलपुर्जा प्रदर्शनी प्रगति मैदान में 5-11 फरवरी तक चलेगी।
मेले का आयोजन वाहन विनिर्माताओं का संगठन सियाम, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) तथा वाहन कलपुर्जे विनिर्माताओं का संगठन एसीएमए कर रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले मेले में खराब प्रबंधन की खासी आलोचना हुई थी और आनंद महिंद्रा ने इसकी आलोचना करते हुए कहा था कि यह 'गंभीर कारोबार' होना चाहिए न कि 'तमाशा' भर।
आयोजकों को उम्मीद है कि इस बार व्यवस्थाएं बेहतर रहेंगी। सियाम के अध्यक्ष व्रिकम किर्लोस्कर ने कहा कि मेले को बांट दिया गया है लेकिन आयोजक चाहेंगे कि एक ही छत के नीचे सबकुछ हो।
उन्होंने कहा कि उद्योग जगत को उम्मीद है कि इस मेले से मांग को फिर गति मिलेगी।
मेले में 15 वैश्विक कारें भी पेश की जाएंगी। भारतीय वाहन उद्योग लंबे समय से मंदी से दो चार है। सालाना कार वृद्धि 11 साल में पहली बार 2013 में घटी जबकि इसमें 9.59 प्रतिशत की गिरावट आई।
आयोजकों ने हालांकि इस मेले को दिल्ली-एनसीआर से बाहर ले जाने की संभावना को खारिज कर दिया। सियाम को उम्मीद है कि इस साल 5.40 लाख लोग मेला देखने आएंगे। हालांकि 2012 में यह संख्या लगभग सात लाख रही थी।