भाजपा 3-0, आप ने दिखाया दम

Webdunia
सोमवार, 9 दिसंबर 2013 (11:24 IST)
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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस को 4-0 से करारी मात दी। पार्टी ने राजस्थान और मध्यप्रदेश में भारी बहुमत से विजय हासिल की और छत्तीसगढ़ में सत्ता बरकरार रखने के साथ ही दिल्ली में सरकार बनाने के करीब पहुंच गई।

दिल्ली विधानसभा के नतीजे सबसे ज्यादा चौंकाने वाले रहे। पहली बार चुनाव मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी ने चुनाव के मैदान में कांग्रेस के धुर्रे उड़ा दिए और भाजपा को बहुमत तक बढ़ने से रोक दिया। आप के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को पटखनी देकर बड़ा उलटफेर किया।

प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी के आक्रामक प्रचार की नैया पर सवार भाजपा ने राजस्थान में तीन चौथाई बहुमत के साथ कांग्रेस से सत्ता छीन ली और मध्य प्रदेश में अपनी पकड़ बरकरार रखी, जहां उसे दो तिहाई बहुमत हासिल हुआ।

मध्य प्रदेश में भाजपा ने तिकड़ी बनाई। यह पहला मौका है, जब किसी पार्टी ने मध्य प्रदेश में लगातार तीसरी बार जीत का स्वाद चखा। ‘मामा‘ शिवराज सिंह चौहान के विकास और सौम्य व्यक्तित्व ने पार्टी को 230 सदस्ईय विधानसभा में 164 सीटों के नजदीक पहुंचा दिया। पिछली बार पार्टी को इससे 21 सीटें कम मिली थीं।

कांग्रेस को राज्य में भारी हार का सामना करना पड़ा और विधानसभा में उसके विधायकों की संख्या 71 से घटकर 58 पर आ गई। बसपा को चार सीटों पर जीत मिली, जबकि तीन स्थानों पर निर्दलीय विजयी रहे। राजस्थान में वसुंधरा राजे ने भगवा पार्टी का परचम लहराया और कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया। यहां इससे पहले कांग्रेस को कभी इतनी कम सीटें नहीं मिली। भाजपा को 162 सीटें मिलीं। 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को केवल 21 सीटों से संतोष करना पड़ा। निवर्तमान विधानसभा में भाजपा के 78 और कांग्रेस के 96 सदस्य थे।

नेशनल पीपुल्स पार्टी को चार, बसपा को तीन और नेशनल यूनियनिस्ट जमींदारा पार्टी को दो सीटों पर जीत हासिल हुई। सात सीटें निर्दलीय के खाते में गईं।

चारों राज्यों में से सिर्फ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में खंडित जनादेश हासिल हुआ, जहां भाजपा 31 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी वहीं 70 सदस्यीय विधानसभा में उसके चुनाव पूर्व साथी अकाली दल ने एक सीट जीती, जिससे वह सत्ता की तरफ एक कदम और आगे बढ़ गई।

दिल्ली विधानसभा के नतीजों में आम आदमी पार्टी असली विजेता के रूप में उभरी। केवल एक वर्ष पहले बनाई गई इस पार्टी ने 28 सीटें जीतकर अपनी दमदार मौजूदगी का एहसास दिलाया। सत्तारूढ़ कांग्रेस चौथी बार सत्ता में वापसी का सपना देख रही थी, लेकिन उसके विधायकों की संख्या 43 से घटकर आठ पर पहुंच गई। आप के उम्मीदवारों ने भाजपा और कांग्रेस के कई दिग्गजों को धूल चटा दी। केजरीवाल के हाथों हारी शीला ने फौरन इस्तीफा दे दिया।

छत्तीसगढ़ के चुनाव नतीजे दिनभर किसी रोमांचक दौड़ का सा मजा देते रहे। कभी कांग्रेस की सीटों की संख्या बढ़ती तो कभी भाजपा उसे पछाड़कर आगे निकल जाती। शाम ढलते ढलते भाजपा ने 90 सदस्ईय विधानसभा में बहुमत की तरफ कदम बढ़ा दिए। पार्टी 47 सीटें हासिल कर चुकी है और दो स्थानों पर उसके उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं। गुजरात में मोदी की तरह मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी तिकड़ी जमाई।

अन्य तीन राज्यों के विपरीत छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने अपने विरोधियों को कड़ी टक्कर दी। इस वर्ष के शुरू में बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों के हमले में पार्टी के प्रदेश नेतृत्व का सफाया होने के कारण पार्टी को इन चुनावों में सहानुभूति लहर का फायदा मिला, लेकिन पार्टी बहुमत के जादुई आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई। भाजपा ने पिछले चुनाव में 50 सीटें जीती थीं और कांग्रेस को 38 सीटें मिली थीं। (भाषा)

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