चार राज्यों में सर्वाधिक सीटें मध्यप्रदेश की हैं। यहां 230 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव हुए हैं और भाजपा तथा कांग्रेस यहां प्रमुख पार्टियों के रूप में मौजूद हैं। वर्तमान में यहां भाजपा सत्ता में है और एक्जिट पोल के रुझान भी भाजपा के पक्ष में ही जा रहे हैं। यहां सत्ता में पहुंचने के लिए किसी भी दल को कम से कम 116 सीटें हासिल करनी होंगी अर्थात इस राज्य का जादुई आंकड़ा है 116।
सीटों की दृष्टि से दूसरा बड़ा राज्य है राजस्थान। यहां विधानसभा की 200 सीटें हैं और सत्ता कांग्रेस के पास है। यहां जिस भी दल की झोली में 101 सीटें जाएंगी, वही यहां सत्ता का सबसे बड़ा दावेदार होंगा। हालांकि यहां एक उम्मीदवार की मौत हो जाने के कारण 199 सीटों पर ही चुनाव होगा। एक सीट के लिए बाद में मतदान होगा।
छत्तीसगढ़ में फिलहाल भाजपा की सरकार है और यहां विधानसभा की 90 सीटों पर भाजपा, कांग्रेस समेत अन्य उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। हालांकि यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। पिछले चुनाव में भी बहुत कम अंतर से सत्ता का फैसला हुआ था। यहां 46 सीटें हासिल करने वाला दल सत्ता के शिखर तक पहुंच जाएगा। यहां टक्कर कांटे की बताई जा रही है और सत्ता का ऊंट किसी भी तरफ करवट ले सकता है।
दिल्ली विधानसभा का मुकाबला अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के आने से काफी रोचक हो गया है। 15 साल से सत्तारूढ़ कांग्रेस यहां चौथी बार सत्ता में आने की उम्मीद लगाए हुए हैं, वहीं भाजपा को उम्मीद है कि उसका वनवास खत्म होगा। 70 सदस्यीय विधानसभा में यहां सत्ता हासिल करने के लिए कम से कम 36 सीटों की दरकार रहेगी। जानकार यह भी मान रहे हैं यहां सत्ता बनाने में केजरीवाल की अहम भूमिका हो सकती है। (वेबदुनिया)