आंध्र विभाजन से सीमांध्र में बढ़ीं कांग्रेस की मुश्किलें

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विजयवाड़ा। सीमांध्र में कांग्रेस के सामने अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी चंद्रबाबू नायडू और पार्टी के पूर्व सदस्य जगनमोहन रेड्डी की कठिन चुनौती हैं जिनकी नजरें आंध्रप्रदेश के विभाजन से गुस्साए मतदाताओं का समर्थन हासिल करने पर टिकी हैं। सीमांध्र में 7 मई को चुनाव होंगे।

कई दशकों तक राज्य की सत्ता संभालने वाली कांग्रेस को विभाजन के विरोध में बड़ी संख्या में नेताओं के पार्टी छोड़कर चले जाने और सीमांध्र में सत्ता विरोधी लहर जैसी चुनौतियों का भी सामना करना होगा।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जगनमोहन की वाईएसआरसीपी, नायडू नीत तेदेपा और नवगठित जय समैक्यांध्र पार्टी (जेएसपी) को कांग्रेस में आई इस दरार का फायदा मिल सकता है। सीमांध्र में करीब 3.5 करोड़ मतदाता हैं।

सीमांध्र में 7 मई को विधानसभा और लोकसभा के लिए एकसाथ चुनाव होंगे। यहां 25 लोकसभा सीटों के लिए 333 और 175 विधानसभा सीटों के लिए 2,243 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। (भाषा)
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