लोकसभा चुनाव के परिणामों से कांग्रेस सदमे में

कांग्रेस ने माना, जनता से कट गए थे

Webdunia
शुक्रवार, 16 मई 2014 (20:52 IST)
FILE
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में अपमानजनक हार से बुरी तरह आहत और हताश कांग्रेस ने स्वीकार किया कि वह जनता से कट गई थी और उसे अब आत्मनिरीक्षण करने तथा रणनीति पर फिर से काम करने की जरूरत है। पार्टी प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव की तर्ज पर ही लोकसभा चुनाव परिणामों ने पार्टी को सदमे की हालत में पहुंचा दिया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने माना कि उन्हें इतने बड़े पतन की उम्मीद नहीं थी। कांग्रेस के एक महासचिव ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, ‘हम उम्मीद नहीं कर रहे थे कि कांग्रेस बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगी लेकिन हमने इतनी करारी शिकस्त के बारे में भी नहीं सोचा था।’

मीम अफजल ने कहा कि पिछले वर्ष मुजफ्फरनगर में भड़की हिंसा ने उत्तरप्रदेश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण किया, जिसमें दलित और पिछड़े मतों में विभाजन ने भाजपा की मदद की।

एक मुस्लिम नेता ने कहा कि कांग्रेस को अल्पसंख्यक मतों में विभाजन के चलते भारी नुकसान उठाना पड़ा, जिसने देशभर में कई निर्वाचन क्षेत्रों में परिणामों को प्रभावित किया। कांग्रेस में एक सामान्य राय यह है कि महंगाई और भ्रष्टाचार का मुद्दा पार्टी के खिलाफ गया और इस स्थिति का नरेन्द्र मोदी ने सत्ता विरोधी लहर के साथ फायदा उठाया।

पार्टी पदाधिकारियों का कहना था कि उत्तरप्रदेश का प्रदर्शन दर्शाता है कि प्रथम परिवार का ‘करिश्मा’ तेजी से फीका पड़ रहा है। लोकसभा में उत्तरप्रदेश से कांग्रेस की इस समय 22 सीटें हैं लेकिन वर्ष 2014 के चुनाव में उसे रायबरेली और अमेठी में ही सफलता मिली है जो गांधी नेहरू परिवार के गढ़ माने जाते हैं।

कांग्रेस के दर्जनभर केंद्रीय मंत्रियों के चुनाव में पिछड़ने के बीच पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि यह सरकार के खिलाफ जनता के गुस्से और जनता से उसका संपर्क टूटने को दर्शाता है पार्टी पदाधिकारी यह भी महसूस करते हैं कि चुनावी खेल के हर दांव में मोदी ने कांग्रेस को पछाड़ दिया।

पार्टी का राजस्थान, गुजरात , उत्तराखंड और कई अन्य राज्यों में पूरी तरह सूपड़ा साफ हो गया है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश पार्टी के चुनावी वाररूम अभियान के समन्वयक थे और इसलिए उन्हें यह कहना शोभा नहीं देता कि पार्टी जनता तक पहुंचने में विफल रही।

वे संभवत: रमेश के उस हालिया बयान का जिक्र कर रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के शीर्ष नेता राजनीतिक संवाद में पिछड़े हैं और पार्टी प्रभावी तरीके से भाजपा के आक्रामक अभियान का जवाब देने में विफल रही जिसने संप्रग सरकार को एक भ्रष्ट शासन के रूप में प्रचारित किया।

पार्टी पदाधिकारियों ने इस बात की भी आड़ ली कि तीन शीर्ष नेता प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने संप्रग दो सरकार की उपलब्धियों को जनता तक नहीं पहुंचाया। कांग्रेस का इस बार इस कदर सूपड़ा साफ हुआ है कि वह 1999 में 114 सीटों से भी नीचे चली गई है।

जाहिर सी बात है कि अब कांग्रेस में सवाल उठाए जाएंगे कि गलती कहां हुई जबकि प्रचार अभियान की कमान किसी और के नहीं बल्कि खुद राहुल गांधी के हाथों में थी। (भाषा)

Show comments

Reels पर तकरार, क्यों लोगों में बढ़ रहा है हर जगह वीडियो बनाने का बुखार?

क्या है 3F का संकट, ऐसा कहकर किस पर निशाना साधा विदेश मंत्री जयशंकर ने

कौन हैं स्‍वाति मालीवाल, कैसे आप पार्टी के लिए बनी मुसीबत, पिता पर लगाए थे यौन शौषण के आरोप?

रायबरेली में सोनिया गांधी की भावुक अपील, आपको अपना बेटा सौंप रही हूं

कांग्रेस, सपा सत्ता में आई तो राम मंदिर पर बुलडोजर चलाएंगी

सचिन पायलट का बड़ा आरोप, बोले- भारत को विपक्ष मुक्त बनाना चाहती है BJP

Weather Update : राजस्थान-दिल्ली समेत कई राज्यों में प्रचंड गर्मी का अलर्ट, नजफगढ़ में पारा 47 के पार

ममता बनर्जी का दावा, 200 भी पार नहीं कर पाएगी BJP, सत्ता में आएगा विपक्षी गठबंधन

Prajwal Revanna Case : प्रज्वल रेवन्ना का VIDEO, डीके शिवकुमार का नाम और 100 करोड़ की डील, आखिर क्या है सच

शिवपुरी कलेक्टर कार्यालय में भीषण आग, कई विभागों के दस्तावेज जलकर खाक