इंदौर की लोकसभा सीट पर जब से सुमित्रा महाजन के टिकट फिर से ऐलान हुआ था और उनके सामने कांग्रेस ने सत्यनारायण पटेल को चुनावी मैदान में उतारा था, तभी से माना जा रहा था कि इस बार भी ताई का जीतना तय है।...और हुआ भी यही।
इंदौर लोकसभा सीट सुमित्रा महाजन ने लगातार आठवीं बार भाजपा की झोली में डाली है, वह भी नए रिकार्ड क साथ। मध्यप्रदेश में सुमित्रा महाजन की 4 लाख 66 हजार 901 की जीत प्रदेश के किसी भी उम्मीदवार की सबसे बड़ी जीत है।
सुमित्रा महाजन को शहर की जनता ने 8 लाख 54 हजार 972 मत दिए जबकि सत्यनारायण पटेल को 3 लाख 88 हजार 71 मत मिले। आम आदमी की पार्टी 'आप' के उम्मीदवार अनिल त्रिवेदी को सिर्फ 35 हजार 169 वोट ही मिले।
सुमित्रा के मुख्य चुनावी प्रतिद्वन्द्वी पटेल ने ‘ताई’ की कथित निष्क्रियता के मुद्दे को लगातार उठाकर इंदौर लोकसभा क्षेत्र में अपनी पार्टी का 25 वर्षीय सूखा समाप्त करने का प्रयास किया था लेकिन मोदी की प्रचंड लहर और भाजपा की मजबूत मैदानी पकड़ ने इस क्षेत्र में कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया। वैसे सुमित्रा कांग्रेस के पूर्व विधायक पटेल को वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों में 11,480 मतों से हरा चुकी हैं।
वर्ष 1989 में नौवीं लोकसभा के चुनावों के दौरान सुमित्रा जब इंदौर से पहली बार चुनावी रण में उतरीं, तब इस सीट को कांग्रेस के मजबूत गढ़ के रूप में देखा जाता था। उन्होंने इन चुनावों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाशचंद्र सेठी को 1,11,614 मतों के भारी अंतर से हराया था और पहली बार लोकसभा पहुंची थीं।
सेठी को मात देने के बाद सुमित्रा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार चुनावी जीत दर्ज करते हुए इंदौर लोकसभा क्षेत्र को भाजपा के मजबूत गढ़ में तब्दील कर दिया। सुमित्रा को इंदौर की पहली और इकलौती महिला सांसद होने का गौरव भी प्राप्त है। (वेबदुनिया/एजेंसी)