1951 से लेकर आज तक किसी भी चुनाव में मतदान से नहीं चूकने वाले सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक श्याम नेगी भावी सरकार के बारे में कहते हैं कि केंद्र में ऐसी सरकार बने जो ईमानदारी से काम करे।
9 वीं कक्षा पास कर अध्यापन के पेशे को अपनाने वाले श्याम नेगी 1951 में बतौर मतदान अधिकारी काल्पा मतदान केंद्र पर तैनात थे।
हिमाचल प्रदेश निर्वाचन आयोग के अधिकारी नीरज शर्मा ने बताया कि मतदान अधिकारी सामान्यत: सबसे पहले मतदान करते हैं, क्योंकि उन्हें बाद में मतदान संपन्न कराना होता है। इसी के तहत मास्टरजी (नेगीजी) ने सबसे पहले मतदान किया और वे इतिहास में स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता के रूप में दर्ज हो गए।
गूगल सर्च इंजन द्वारा अपने ‘प्लेज फॉर वोट अभियान के तहत श्याम नेगी पर वीडियो फिल्म बनाए जाने के बाद तो वे जैसे पूरे देश के लिए हीरो बन गए।
1951 के बाद से शनिवार को तक पंचायत से लेकर लोकसभा तक के सभी चुनावों में मतदान करने वाले नेगी इस वीडियो फिल्म में बच्चों को मतदान का महत्व समझाते नजर आते हैं।
10 वीं कक्षा में पढ़ने वाले उनके पोते आकाश ने बताया कि दादाजी बेहद अनुशासनप्रिय, समय के पाबंद और मजबूत इच्छाशक्ति वाले हैं। उनकी पूरी दिनचर्या और खानपान अनुशासित है। वे रात का खाना खाकर रेडियो पर समाचार सुनते हैं और 8 बजे सोने चले जाते हैं।
उनके पोते ने बताया कि गूगल वीडियो के बाद वे बेहद लोकप्रिय हो गए हैं और जहां पहले महीने में कोई एकाध फोन आता था तो अब हर दिन उनके लिए कई बार फोन की घंटी बजती है। देश-विदेश का मीडिया उनसे बात करना चाहता है।
1 जुलाई को 98 साल के होने जा रहे नेगी जिंदगी की सेंचुरी बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। मतदान के महत्व पर वे कहते हैं कि मतदान प्रत्येक नागरिक का सबसे पवित्र धर्म है। यह देश की समृद्धि का रास्ता तय करता है। इस उम्र में भी वे बिना चश्मे के समाचार पत्र और किताबें पढ़ते हैं तथा बिना छड़ी के सहारे के चलते हैं। (भाषा)
( सभी चित्र : Indus Images / Stringer)