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नरेन्द्र मोदी : सशक्त राष्ट्र निर्माण के स्वप्नदृष्टा

हमें फॉलो करें नरेन्द्र मोदी : सशक्त राष्ट्र निर्माण के स्वप्नदृष्टा
, शनिवार, 17 सितम्बर 2022 (10:09 IST)
-तुलसीराम सिलावट
 
स्वदेशी विमानवाहक पोत 'आईएनएस विक्रांत' के जलावतरण के बाद विदेशी समाचार पत्रों ने लिखा- 'यह भारत के लिए गर्व का क्षण है कि उसने एक स्वदेशी विमानवाहक पोत का निर्माण किया। भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है और उसने दिखा दिया है कि वह एक प्रमुख वैश्विक शक्ति बनने जा रहा है। दुनिया को एक सुपर मजबूत भारत की जरूरत है।'
 
यह निश्चित रूप से प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव की बात है। आज संपूर्ण विश्व भारत की ओर सम्मान और उम्मीद की दृष्टि से देख रहा है। यह स्थिति भारत की उत्तरोत्तर प्रगति और विकास के नए आयामों को स्थापित करने के कारण संभव हो सकी है और जिसके मूल में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकासवादी दर्शन और राष्ट्रवादी चिंतन के कारण ही वैश्विक पटल पर भारतवर्ष का गौरव पुनर्स्थापित हो सका है। प्रधानमंत्रीजी के चमत्कारी व्यक्तित्व, उत्कृष्ट नीति और राष्ट्र के लिए सर्वस्व समर्पित कर देने की भावना के कारण ही आज भारत के प्रगति रथ की गतिशीलता सर्वाधिक अग्रणी है।
 
नीति शास्त्र कहता है-
'तस्मात् नित्योत्यितो राजा कुर्मादर्थानुषासनम्।
अर्थस्य मूलमतथनमर्थस्य विपर्यय:।।'
 
अर्थात 'राजा को चाहिए कि वह उद्योगशील होकर व्यवहार संबंधी तथा राज्य संबंधी कार्यों को उचित रीति से पूरा करे।'
 
इसी नीति का अनुसरण कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नित्य उद्योगशील रहकर राष्ट्र कल्याण के कार्यों में क्रियाशील रहते है। उन्होंने 'आत्मनिर्भर भारत' के स्वप्न को साकार करने का संकल्प लिया है। उनके नेतृत्व में 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के बढ़ते कदम से आधुनिक भारतवर्ष में संरचनात्मक एवं प्रक्रियात्मक परिवर्तन की एक नई यात्रा आगे बढ़ी है। यह भारत के जन-जन को सशक्त बनाने और अपनी परंरागत खोई पहचान को पुनर्स्थापित करने की यात्रा है। इस यात्रा के पैरोकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं जिनके नेतृत्व में हमारा देश समग्र प्रगति की ओर बढ़ रहा है।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लीक से हटकर चलने वाले नेता हैं। वे अलग और अनोखा सोचते हैं। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद देश के सामाजिक और आर्थिक पटल पर ऐसे बदलाव आए है, जो पहले या तो कल्पनाओं में थे या किसी ने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया। उनके नेतृत्व में राष्ट्रीय हितों के अनुरूप ऐसे कई फैसले लिए गए हैं, जो भविष्य के भारत की दशा और दिशा बदल देंगे।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आर्थिक विकास के उच्च आयाम स्थापित किए हैं। वर्ष 2014 के बाद पहली बार देश में अर्थव्यवस्था को औपचारिक रूप देने की शुरुआत करते हुए ऐसे कई फैसले किए गए, जो आर्थिक विकास के लिए अपरिहार्य थे।
 
आज भारत विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। यह गर्व की बात है कि 135 करोड़ भारतीयों की मूलभूत आवश्यकताओं की आपूर्ति के साथ यह कीर्तिमान स्थापित किया है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राष्ट्रहितैषी आर्थिक नीतियों और दृढ़-संकल्पित नेतृत्व का ही परिणाम है।
 
कोविड महामारी के लंबे संकट काल और रूस-यूक्रेन युद्ध से बढ़ती महंगाई जहां दुनियाभर के देशों की अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती बनी हुई है, वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था इस दौर में भी मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। ब्लूमबर्ग के ताजा सर्वे के अनुसार दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका है, लेकिन केवल भारत ही एक ऐसा देश है, जो इससे अभी भी अछूता है। यह स्थिति प्रधानमंत्री की श्रेष्ठ आर्थिक नीतियों के कारण ही संभव हो सकी है।
 
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शास्त्र कहता है-
'चक्षुषा मनसा वाचा कर्मणा च चतुर्विधम्।
प्रसादयति यो लोकं तं लोकोऽनुप्रसीदति।।'
 
अर्थात 'जो राजा नेत्र, मन, वाणी और कर्म इन चारों से प्रजा को प्रसन्न करता है, उसी से प्रजा प्रसन्न रहती है।'
 
हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मन, वचन और कर्म से देश की जनता के समुचित कल्याण के लिए सर्वदा प्रत्यनशील रहते हैं। भारतवर्ष के समावेशी विकास और समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए उन्होंने अनेक कल्याणकारी योजनाऐं संचालित की हैं। 'स्वच्छ भारत मिशन' के द्वारा हर व्यक्ति का स्वच्छता के प्रति दृष्टिकोण बदलने का प्रयोजन हो या 'मेक इन इंडिया' से उद्यमशीलता को बढ़ाना हो।
 
उन्होंने उज्ज्वला योजना और तीन तलाक प्रतिबंध से महिलाओं के जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन किया है। हर गरीब व्यक्ति खुद का पक्का घर होने का स्वप्न देखता है। प्रधानमंत्री ने उस हर गरीब को आवास देकर उसके स्वप्न को साकार किया है।
 
बेटी की बात हो या युवाओं की, अनुसूचित जाति की बात हो या अनुसूचित जनजाति की- प्रधानमंत्री ने समावेशी विकास के माध्यम से सभी के कल्याण और उत्थान के लिए अभूतपूर्व कार्य किए हैं। विकास की इस बहती गंगा में समाज का हर वर्ग स्वयं को सशक्त महसूस कर रहा है, जो प्रधानमंत्री के मौलिक चिंतन 'सबका साथ, सबका विकास' का परिणाम है।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारतवर्ष को समग्र रूप से आत्मनिर्भर बनाने का स्वप्न देखते हैं। 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप जनतंत्र की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं। इसके लिए उनके द्वारा समाज के हर वर्ग के लिए कल्याणकारी और रोजगारोन्मुखी योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
 
'आत्मनिर्भर भारत' अभियान भारतवर्ष को आर्थिक विकास की ऊंचाइयों पर ले जाएगा जिसमें सबकी भागीदारी सुनिश्चित होगी। राष्ट्र सशक्त एवं मजबूत होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, 'आत्मनिर्भर भारत' के माध्यम से एक सशक्त और 'आत्मनिर्भर भारत' का निर्माण करना चाहते हैं।
 
एक राजा को राष्ट्र की उन्नति और सुरक्षा के लिए क्या-क्या करना चाहिए इसका सुंदर वर्णन अथर्ववेद में मिलता है-
 
'अभीवर्तेन मणिना येनेन्द्रो अभिवावृधे।
तेनास्मान् ब्रह्मणस्पतेऽमि राष्ट्राय वर्धय।।'
 
अर्थात 'जिस समृद्धि प्रदान करने वाले मणि के द्वारा इन्द्र की प्रगति हुई है, उसी मणि के द्वारा आप हमें राष्ट्र का कल्याण करने के उद्देश्य में विस्तृत करें।'
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रूप में भारतवर्ष के पास भी एक ऐसी मणि है, जो सर्वदा राष्ट्र कल्याण के लिए चिंतनशील और प्रयत्नशील है। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में अनेक कल्पनातीत विचारों ने साकार रूप लिया है। 'स्वच्छ भारत अभियान' के माध्यम से मोदीजी ने देशभर में एक नई सोच को उत्पन्न किया। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 का खात्मा करके भारत की अखंडता का नया आयाम स्थापित किया, जो हमेशा कल्पना-सा लगता था।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या विवाद का अंत करके सामाजिक सौहार्द को दूषित करने वाले वर्षों पुराने मुद्दे को पटाक्षेप किया है। तीन तलाक को खत्म करके मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण को एक नई दिशा प्रदान की और सर्जिकल स्ट्राइक से दुनिया को हमारे देश का पराक्रम दिखाया। ऐसे अनेकानेक कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुए हैं जिनके कारण भारत की दशा और दिशा में नवीन परिवर्तन दिखाई देने लगे हैं।
 
गीता में लिखा है-
 
'यद्यदाचरित श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जन:।
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते।।'
 
अर्थात 'महापुरुष जैसा आचरण करता है, सामान्य व्यक्ति उसी का अनुसरण करते हैं। वह अपने अनुसरणीय कार्यों से जो आदर्श प्रस्तुत करता है, संपूर्ण विश्व उसका अनुसरण करता है।'
 
प्रधानमंत्री केवल एक महापुरुष ही नहीं हैं, एक युगपुरुष और राष्ट्रनिर्माण के स्वप्नदृष्टा भी हैं। उनके विचारों, नीतियों और आदर्शों का अनुसरण भारतवर्ष ही नहीं कर रहा है, बल्कि संपूर्ण विश्व उनके दर्शन से प्रभावित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारतवर्ष को विश्व का सर्वाधित शक्ति-संपन्न, सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बनाने का स्वप्न देखते हैं। राष्ट्रवादी चिंतन के साथ राष्ट्रनिर्माण के जिस पुनीत पथ पर वे चल रहे है, नि:संदेह वे बहुत शीघ्र अपने स्वप्न को साकार करेंगे।
 
(लेखक मंत्री, जल संसाधन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग, मध्यप्रदेश शासन हैं।)

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