ऑस्ट्रेलिया में हिन्दी सीखने की मुहिम

- धनंजय

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मेलबोर्न में कुछ भारतीयों पर हमले के बाद ऑस्ट्रेलिया ने हिन्दी के जरिए भारत को पुचकारने की योजना बनाई है। मेलबोर्न यूनिवर्सिटी के भव्य प्रांगण में प्रस्तावित ऑस्ट्रेलिया-इंडिया इंस्टीट्यूट के कर्ताधर्ता प्रो.जॉन एम. वेब और उनकी पत्नी सेंडी 60 हजार रुपए खर्च कर बातचीत लायक हिन्दी सीख रहे हैं। जॉन के लिए यह आसान नहीं है, लेकिन उनका इरादा अडिग है।

एक खास बातचीत में वे कहते हैं, चाहे कितनी भी दिक्कत क्यों न हो, एक 'करवट लेते शेर'भारत के मर्म को छूने के लिए वे हिन्दी सीखकर रहेंगे। 'ऑस्ट्रेलिया-इंडिया इंस्टीट्यूट'के गठन की यूनिवर्सिटी की पहल रिश्ते में आई खरोंच पर मरहम लगाने की बहुपक्षीय प्रयास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

जॉन ने स्वीकार किया कि वे इसलिए हिन्दी सीख रहे हैं ताकि वे उनसे आत्मीय संबंध स्थापित कर सकें। मेरा 'फूरा' नाम जॉन है, मैं 'शाडी शुडा'हूँ आदि जैसे हिन्दी के वाक्य बोलते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दी सीखना कठिन लगता है, लेकिन मैं उसे सीखकर रहूँगा। ऑस्ट्रेलियाई मूल की उन महिलाओं की यहाँ खासी संख्या है जिन्होंने यहाँ बसे भारतीयों से शादी कर ली है। ऐसी शादियाँ भी अब काफी बढ़ गई हैं। फिर जॉन कहते हैं-भारत और ऑस्ट्रेलिया तो रिश्तेदार हो गए हैं।
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