होली के रंग कवियों के संग

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- उमेश ताम्ब ी

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जन्म नागपुर के समीप तुमसर शहर में उद्योगी परिवार में हुआ। नागपुर विवि से 1987 में ‍अभियांत्रिकी स्नातक में प्रथम। 1989 में एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातकोत्तर। वर्तमान में अमेरिका में निवासरत। हिन्दी के प्रति अटूट प्रेम। हास्य-व्यंग्य कविताओं के प्रति रुचि ।

29 मार्च 2008 को फिलाडेल्फिया, अमेरिका में होली के अवसर पर भारतीय कल्चरल सेंटर में 'होली के रंग कवियों के संग' नामक कवि सम्मेलन का आयोजन भारतीय सांस्कृतिक केंद्र के तत्वावधान में किया गया।

कार्यक्रम का प्रारंभ वाशिंगटन डीसी से पधारे आशु कवि श्री राकेश खंडेलवाल ने माँ सरस्वती की वंदना करके किया। पश्चात आपने श्रंगार, हास्य रस की विभोर करने वाली रचनाएँ सुनाईं। तकरीबन चार घंटों तक श्रोताओं ने कविताओं का रसास्वादन किया।

हास्य-व्यंग्य, गीतों तथा ग़ज़लों से सजी इस शाम का आयोजन इलाके में असामान्य और प्रशंसनीय है। न्यूयॉर्क से पधारी प्रख्यात कवयित्री डॉ. बिन्देश्वरी अग्रवाल ने अपनी अनूठी हास्यास्पद शैली में श्रोताओं का मनोरंजन किया। न्यूजर्सी से पधारे श्री अनूप भार्गव ने अपनी छोटी-छोटी रचनाओं से सभी श्रोताओं का मन मोह लिया, वहीं श्री हरभगवान शर्मा की हरियाणवी शैली की रचनाओं ने सबको गुदगुदाया।

फिलाडेल्फिया के कवि श्री घनश्याम गुप्त ने भी अपनी रचनाएँ सुनाईं। वृंदावन से पधारे श्री जौहरीजी ने अपनी होली की और हास्य रचनाओं से सभा को संबोधित किया। श्री प्रवीण शर्मा ने अपनी काव्यात्मक प्रतिभा से परिचित कराया, वहीं सुश्री रितु नेगी ने होली के प्रसंग में रचना पढ़ी। कार्यक्रम के मुख्य आयोजक तथा काव्यप्रेमी श्री उमेश ताम्बी ने अपनी काव्ययात्रा की शुरुआत की। बुनियादी और सामयिक विषयों पर हास्य-व्यंग्य से जुड़ी मौलिक रचनाओं और चुटकियों से हिन्दी प्रेमी श्रोताओं को अचंभित और भाव-विभोर किया।

अंत में श्री नंद टोडी एवं श्री संजीव जिंदल ने काव्यमयी मधुर शाम के लिए सभी कवियों और श्रोताओं को धन्यवाद दिया। उल्लेखनीय है कि सभागृह के बाहर गर्भनाल ई-पत्रिका के पुराने अंकों का संग्रह भी प्रदर्शित किया गया था और अनेक श्रोताओं ने गर्भनाल के आगामी संस्करण को हासिल करने की इच्छा भी प्रकट की। इसके अलावा 'पुस्तकओआरजी' के श्री अभिलाष त्रिवेदी ने भी हिन्दी साहित्य की पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई और उपलब्ध पु‍स्तकों के विषय में जानकारी दी।

- साभार गर्भनाल

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