फ्रांस में चल रहे 62वें कॉन फिल्मोत्सव के समापन समारोह में ऑस्ट्रिया के फिल्मकार माइकल हैंके को उनकी फिल्म 'द व्हाइट रिबन' के लिए गोल्डन पॉम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। सिनेमा क्षेत्र का यह प्रतिष्ठित पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए दिया जाता है।
श्वेत-श्याम रंग में बनी हैंके की यह फिल्म नाजी आतंक की जड़ों की गहराई से पड़ताल करती है। फिल्म में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी के ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति को दर्शाया गया है। फ्रांसीसी फिल्म निर्देशक जैक्वस आडियार्ड ने जेल के भीतर की कहानी को ए प्राफेट नाम की फिल्म के रूप में चित्रित करके ग्रां.प्री. पुरस्कार जीता।
फिलीपींस के निर्देशक ब्रिलांटे मेंडोजा ने अपहरण, बलात्कार और हत्या की कहानी को किनार्टे के रूप में दर्शकों के सामने प्रस्तुत करके सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का खिताब जीता। ब्रिटेन की फिश टैंक और दक्षिण कोरिया की थ्रस्ट को ज्यूरी पुरस्कार मिला।
वर्ष 2006 की अपनी विवादास्पद फिल्म समर पैलेस के बाद से बीजिंग में फिल्म बनाने के लिए प्रतिबंधित लू यी ने स्प्रिंग फीवर के लिए सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले पुरस्कार अपने नाम किया।
फिल्म वैवाहिक और समलैंगिक संबंधों पर आधारित है। लू ने स्वयं पर प्रतिबंध लगने के बाद इस फिल्म का निर्माण गुप्त तौर पर नांजिंग में किया और फिल्म को कॉन समारोह तक पहुँचा दिया।