Dharma Sangrah

शब्दों की गति

आकांक्षा यादव (पोर्टब्लेयर)

Webdunia
ND

कागज पर लिखे शब्द
कितने स्थिर से दिखते हैं
आड़ी-तिरछी लाइनों के बी‍च
सकुचाए-शर्माए से बैठे।

पर शब्द की नियति
स्थिरता में नहीं है
उसकी गति में है
और जीवंतता में है।

जीवंत होते शब्द
रचते हैं इक इतिहास
उनका भी और हमारा भी
आज का भी और कल का भी।

सभ्यता व संस्कृति की परछाइयों को
अपने में समेटते शब्द
सहते हैं क्रूर नियति को भी
खाक कर दिया जाता है उन्हें
यही प्रकृति की नियति।

कभी खत्म नहीं होते शब्द
खत्म होते हैं दस्तावेज
और उनकी सूखती स्याहियाँ
पर शब्द अभी-भी जीवंत खड़े हैं।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

Heart attack symptoms: रात में किस समय सबसे ज्यादा होता है हार्ट अटैक का खतरा? जानिए कारण

शरीर में खून की कमी होने पर आंखों में दिखते हैं ये लक्षण, जानिए समाधान

क्या बार-बार गरम ड्रिंक्स पीने से बढ़ सकता है कैंसर का खतरा? जानिए सच

लॉन्ग लाइफ और हेल्दी हार्ट के लिए रोज खाएं ये ड्राई फ्रूट, मिलेगा जबरदस्त फायदा

Hair Care: बालों और स्कैल्प के लिए कॉफी कितनी फायदेमंद है? जानें पूरे फायदे और नुकसान

सभी देखें

नवीनतम

Vastu for Toilet: वास्तु के अनुसार यदि नहीं है शौचालय तो राहु होगा सक्रिय

Winter Superfood: सर्दी का सुपरफूड: सरसों का साग और मक्के की रोटी, जानें 7 सेहत के फायदे

Kids Winter Care: सर्दी में कैसे रखें छोटे बच्चों का खयाल, जानें विंटर हेल्थ टिप्स

Winter Health: सर्दियों में रहना है हेल्दी तो अपने खाने में शामिल करें ये 17 चीजें और पाएं अनेक सेहत फायदे

Jhalkari Bai: जयंती विशेष: 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों को धूल चटाने वाली वीरांगना झलकारी बाई का इतिहास